
युगद्रष्टा रवींद्रनाथ टैगोर का साहित्य, संगीत, चित्रकला और समाज सुधार में था अद्वितीय योगदान : रमनप्रीत कौर
रचनात्मक प्रस्तुति के साथ सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में मनाई गई रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती
डीजे न्यूज, गिरिडीह : सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को नोबेल पुरस्कार विजेता महान कवि, लेखक, दार्शनिक और चित्रकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्राचार्य ममता शर्मा, उप प्राचार्य सूरज कुमार लाला, शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राओं द्वारा गुरुदेव के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इस अवसर पर सभागार को भव्य रूप से सजाया गया था, जिससे वातावरण पूरी तरह से साहित्यिक और सांस्कृतिक रंग में रंगा नजर आया।
इसके पश्चात छात्रों द्वारा गुरुदेव की रचनाओं पर आधारित विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। विद्यार्थियों के एक समूह ने टैगोर की प्रसिद्ध कहानी ‘काबुलीवाला’ पर आधारित एक संक्षिप्त नाट्य मंचन कर सभी दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं एक अन्य समूह ने गुरुदेव द्वारा रचित एक लोकप्रिय बंगाली गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम में उत्साह भर दिया। मंच संचालन चंद्रमल्लिका घोष ने किया।
विद्यालय की निदेशक रमनप्रीत कौर ने अपने संदेश में गुरुदेव की बहुआयामी प्रतिभा को नमन करते हुए कहा कि टैगोर केवल बंगाल ही नहीं, पूरे भारत के गौरव थे। वे एक ऐसे युगद्रष्टा थे जिन्होंने साहित्य, संगीत, चित्रकला और समाज सुधार जैसे क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया। उनकी रचनाओं ने भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों में भी लोगों के दिलों को छूने का काम किया।
कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को गुरुदेव टैगोर के विचारों और कृतित्व से परिचित कराने के साथ-साथ उनमें सांस्कृतिक जागरूकता का संचार किया।