स्क्रैप बिक्री से रेलवे ने की 387.02 करोड़ की कमाई

Advertisements

स्क्रैप बिक्री से रेलवे ने की 387.02 करोड़ की कमाई

डीजे न्यूज, हाजीपुर: पूर्व मध्य रेल द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्क्रैप के निपटान से 387.02 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया गया है। यह पूर्व मध्य रेल के लिए अब तक की सबसे अधिक स्क्रैप बिक्री है। यह राजस्व पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (वित्तीय वर्ष 2022-23 में 343.12 करोड़ रुपये) की तुलना में 12.8 प्रतिशत अधिक है। पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने स्क्रैप निपटान प्रक्रिया में शामिल पूरी टीम को उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए बधाई दी है। स्क्रैप का कुशलतापूर्वक निपटान करके पूर्व मध्य रेल ने अपशिष्ट को संपदा में बदल दिया है। सभी स्क्रैप को पारदर्शी तरीके से भारतीय रेलवे के ऑनलाइन ई-नीलामी पोर्टल (www.ireps.gov.in) पर सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से बेचा गया, जहां लगभग 4500 बोलीदाता पहले से ही पंजीकृत हैं। रेलवे बोर्ड द्वारा वित्तीय वर्ष की शुरुआत में पूर्व मध्य रेल को 2024-25 के लिए 300 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था, जिसे पूर्व मध्य रेल ने 10 फरवरी, 2025 को ही हासिल कर लिया था तथा वित्तीय वर्ष की समाप्ति अर्थात् 31 मार्च तक स्क्रैप बिक्री से कुल 387.02 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त करते हुए भारतीय रेल के 17 क्षेत्रीय रेलों में पूर्व मध्य रेल पांचवे स्थान पर रहा। प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक विजय कुमार के सतत मार्गदर्शन में उपलब्ध स्क्रैप का पता लगाने के लिए पूरे वित्तीय वर्ष में तिमाही आधार पर गहन मैपिंग अभियान चलाया गया था। लगभग 44,000 मीट्रिक टन रेल और उसकी फिटिंग, लगभग 61 स्क्रैप इंजन, 282 स्क्रैप वैगन, 82 स्क्रैप कोच, 12500 मीट्रिक टन अन्य फेरस स्क्रैप और लगभग 600 मीट्रिक टन नॉन-फेरस स्क्रैप आदि की पहचान अभियान के माध्यम से की गई और उन्हें बेचा गया। रेलवे के लिए महत्वपूर्ण राजस्व अर्जन में से एक होने के नाते, स्क्रैप बिक्री की प्रगति की निगरानी पूर्व मध्य रेलवे में उच्चतम स्तर पर साप्ताहिक आधार पर  महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह एवं अपर महाप्रबंधक अमरेंद्र कुमार द्वारा मंडलों के डीआरएम/एडीआरएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई। निरंतर निगरानी और अभियान से न केवल स्क्रैप की बिक्री से भारी राजस्व प्राप्त हुआ है, बल्कि रेलवे ट्रैक, स्टेशनों, डिपो, शेड और अन्य कार्य स्थलों और आसपास के क्षेत्रों की सुंदरता में भी सुधार हुआ है। इससे रेलवे परिसर को साफ-सुथरा एवं पर्यावरण अनुकूल रखने में भी मदद मिली है । 

 

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top