
कला संस्कृति से निखरता है मानव जीवन : नमन प्रियेश लकड़ा
डीजे न्यूज, गिरिडीह : कला और संस्कृति का मानव जीवन में विशेष स्थान है। एक अच्छे नागरिक के लिए एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों में भाग लेना जरूरी होता है, जिससे वह जीवन में सफल हो सके। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को कला संगम के तत्वावधान में स्व. जे. पी. कुशवाहा 24वां अखिल भारतीय बहुभाषी नाट्य महोत्सव एवं स्व. उमा रानी ताह स्मृति लोकनृत्य-शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता की भव्य शुरुआत हुई।
कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त सह कला संगम के मुख्य संरक्षक नमन प्रियेश लकड़ा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि कला संगम द्वारा देशभर के कलाकारों को मंच देने की यह पहल बेहद प्रशंसनीय है। उन्होंने गिरिडीह में कला भवन बनाने की दिशा में कला एवं संस्कृति मंत्री से बात करने का आश्वासन दिया।
इंसानों के बीच इमोशनल रिलेशन बनाती है कला : विसपुते
सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत यशवंत विसपुते ने कला और संस्कृति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मानव अधिकारों के साथ-साथ कला और संस्कृति के साथ जीना चाहता है। कला इंसानों के बीच इमोशनल रिलेशन बनाती है और एक बेहतर मानव बनने में सहायक होती है।
कार्यक्रम की शुरुआत स्व. जे. पी. कुशवाहा एवं स्व. उमा रानी ताह को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती, संरक्षक राजेंद्र बगडिया, अजय सिन्हा मंटू, अध्यक्ष प्रकाश सहाय, कार्यकारी अध्यक्ष पंकज ताह, सचिव सतीश कुंदन, उपाध्यक्ष अंजनी कुमार सिन्हा, कृष्णा सिन्हा, सह सचिव शिवेंद्र सिन्हा, सुजय गुप्ता, लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार राज एवं कोषाध्यक्ष विनय बख्शी ने दीप प्रज्ज्वलित कर नाट्य महोत्सव का शुभारंभ किया।
नाटक, शास्त्रीय और लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां
महोत्सव के पहले दिन कला संगम की छात्राओं संस्कृति, अंशिका और अनुष्का ने शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया। हुनर संस्थान, आजमगढ़ द्वारा गणेश वंदना, शिवानी गोस्वामी का शास्त्रीय नृत्य, वीणापाणी कला केंद्र का राजस्थानी लोक नृत्य और महाश्वेता कला केंद्र की नमिता महतो, सांगप्रिया सरकार और अनेशा मंडल के सेमी-क्लासिकल नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद नाटकों का मंचन हुआ, जिसमें “पतझड़ के बाद” (बीआईटीजी दिल्ली), “राक्षस” (बंगाल), “रंग नगरी” और “जिन्हे लाहौर ना देख्या, वो जन्मा ही नहीं” को दर्शकों ने खूब सराहा।
10 राज्यों के 400 कलाकार ले रहे भाग, 22 को निकलेगी रंगयात्रा
इस भव्य प्रतियोगिता में देशभर के 10 राज्यों से लगभग 400 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान कुल 18 नाटकों का मंचन होगा। 22 मार्च को रंगयात्रा निकाली जाएगी और शाम को स्व. दिगंबर प्रसाद स्मृति राष्ट्रीय सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा।
कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के रूप में अशोक मानव (बिहार), सिवानी गोस्वामी (त्रिपुरा), मो. निजाम (जमशेदपुर), शिवलाल सागर, वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा (धनबाद), साहित्य प्रमुख प्रो. अनुज कुमार, संगीत प्रमुख ओरित चंद्रा, मीडिया प्रभारी सुनील मंथन शर्मा, बिनोद शर्मा, नाट्य प्रमुख नीतीश आनंद, नृत्य प्रभारी दिव्या सहाय, शीलधर प्रसाद, रवीश आनंद, शुभम, सुमित, आकाश, विकास, सिद्धांत, सौरभ सहित सैकड़ों कला प्रेमी मौजूद थे।
अध्यक्षीय भाषण प्रकाश सहाय ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन कार्यकारी अध्यक्ष पंकज ताह ने किया। मंच संचालन सचिव सतीश कुंदन, सह संयोजक राजेश सिन्हा और मनोज कुमार मुन्ना ने किया।