
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता : डीसी
डीजे न्यूज, धनबाद: भारत सरकार का जीपीडीपी पर फोकस रहता है। इसलिए जो भी योजनाएं पंचायत स्तर पर चुने जाते हैं उनमें सभी गांव वालों की सहभागिता महत्वपूर्ण है। इसके लिए ग्राम सभा का आयोजन भी किया जाता है। ग्रामसभा में सभी ग्राम वासी शामिल होंगे तो बेहतर योजनाओं का चयन हो सकेगा। उक्त बातें डीसी माधवी मिश्रा ने कही।आइआइटी आइएसएम में पंचायती राज मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तत्वावधान में चल रहे पांच दिवसीय आवासीय नेतृत्व एवं प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) के तीसरे दिन बुधवार को पंचायती राज प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए डीसी ने कहा कि ग्रामसभा में अपने गांव एवं पंचायत की आवश्यकता को देखते हुए योजनाओं का चयन करना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास का परिपेक्ष्य सैद्धांतिक है, इसमें कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में नरेगा की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस प्रकार के और भी बेहतर प्रयास से हम इस दिशा में आगे बढ़ सकतें हैं। कार्यक्रम के शुरुआत में उपायुक्त को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के 50 निर्वाचित पंचायती राज प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
इस दौरान उपायुक्त ने पंचायती राज विभाग के कार्यो पर प्रकाश डालते हुए कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिनिधियों के साथ साझा की। उन्होंने 14 एवं 15वें वित्त आयोग, टाईड एवं अन टाईड फण्ड, स्वच्छ भारत मिशन 2.0, जल जीवन मिशन, कचरा प्रबंधन, कंस्ट्रक्शन वेस्ट मैनेजमेंट, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट मैनेजमेंट, नरेगा योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, ड्रेनेज सिस्टम, प्रधानमंत्री आवास योजना समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने वक्तव्य रखें। उन्होंने जमीनी स्तर पर शासन के महत्व और सरकारी योजनाओं की योजना और क्रियान्वयन के बीच की खाई को पाटने में स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। उन्होंने विकास योजनाओं को अंतिम समय में जल्दबाजी में लागू करने से होने वाली अक्षमताओं की ओर ध्यान दिलाया और समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया।
कार्यक्रम के उद्देश्य और महत्व
यह आवासीय एमडीपी राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है, जो पंचायती राज मंत्रालय की एक प्रमुख पहल है। कार्यक्रम का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को सशक्त और सक्षम बनाना है, जिससे समावेशी विकास और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए उनकी नेतृत्व क्षमता में वृद्धि हो।
मौके पर आईआईटी के निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा, उप निदेशक प्रो. धीरज कुमार, रजिस्ट्रार प्रबोध पांडेय और विशेष रूप से कॉर्पोरेट संचार की डीन प्रो. रजनी सिंह शामिल थीं।