
लातेहार में पेयजल संकट गहराया, 1500 चापाकल खराब, दो लाख की आबादी प्रभावित
डीजे न्यूज, लातेहार: जिले के विभिन्न प्रखंडों में पेयजल संकट गहराने लगा है। खासकर डार्क जोन वाले इलाकों में स्थिति और भी गंभीर हो गई है। मार्च के अंतिम सप्ताह तक भूमिगत जल स्तर 10 से 15 मीटर तक नीचे चला गया है, जिससे कई नदी, तालाब, डोभा, कुएं और चापाकल सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं, गर्मी के बढ़ते प्रकोप और पिछले साल अपेक्षित बारिश न होने के कारण भी जलस्तर में भारी गिरावट आई है।
1500 चापाकल खराब, लाखों की आबादी प्रभावित
जिले में पीएचईडी विभाग, एनआरईपी, विशेष प्रमंडल, सांसद-विधायक निधि और 14वें एवं 15वें वित्त आयोग से करोड़ों की लागत से हजारों चापाकल लगाए गए थे, लेकिन वर्तमान में लगभग 1500 चापाकल खराब पड़े हैं। इससे करीब 2 लाख की आबादी को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। प्रभावित प्रखंडों में बारियातू, सदर, चंदवा, हेरहंज, बालूमाथ, मनिका, महुआडांड़, बरवाडीह, गारू और सरयू शामिल हैं।
जलस्तर में असामान्य गिरावट
इस संबंध में पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार महतो ने बताया कि विभाग बंद पड़े चापाकलों को ठीक कराने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रखंडों में जलस्तर में असामान्य बदलाव हो रहा है, जो मौसम के अनुसार बदलता रहता है। औसतन गर्मी के दौरान जलस्तर 12 से 20 मीटर तक नीचे चला जाता है, जबकि डार्क जोन क्षेत्रों में यह 30 मीटर तक नीचे चला गया है।
जल संकट से निपटने की जरूरत
गर्मी के शुरुआती दौर में ही जिले में भूजल स्तर में भारी गिरावट और जल स्रोतों के सूखने से चिंता बढ़ गई है। अगर जल्द वैकल्पिक समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाले महीनों में पेयजल संकट और विकराल रूप ले सकता है। प्रशासन को चाहिए कि विकल्पों पर तेजी से काम करे और जल संरक्षण के प्रयासों को प्राथमिकता दे।