
वेतन विसंगति दूर करने के लिए सभी प्रखंडों को निर्देश, एक सप्ताह में पुनर्निर्धारण रिपोर्ट देने का आदेश
डीजे न्यूज, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले के जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE), चाईबासा द्वारा जिले के सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी-सह-निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को वर्ष 1994 में नियुक्त शिक्षकों के वेतन विसंगति का त्वरित निराकरण करने का आदेश जारी किया गया है।
यह निर्देश अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ द्वारा दिये गये पत्रांक 05/2025 दिनांक 28.05.2025 के आलोक में जारी किया गया है। पत्र के अनुसार, कई शिक्षक जिनकी नियुक्ति वर्ष 1994 में हुई थी, उनके वेतन में विसंगति पाई गई है जिससे वरिष्ठ शिक्षक, कनिष्ठ शिक्षकों की तुलना में कम वेतनमान पर पहुँच गए हैं।
मामले का उदाहरण
उक्त आदेश में विशेष रूप से वासुदेव गोप, सहायक शिक्षक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय जांगीबुरू, प्रखंड मंझारी का उदाहरण प्रस्तुत किया गया है। उनकी नियुक्ति 01.03.1995 को हुई थी, और वे 01.01.1996 को पांचवें वेतनमान (रु. 4500) में वेतन वृद्धि के पात्र बने। इस दौरान अक्टूबर 1994 में नियुक्त वरीय शिक्षक उन्हीं के समान वेतन स्तर पर थे, लेकिन उनकी अगली वेतन वृद्धि वासुदेव गोप से बाद में हुई, जिससे जूनियर शिक्षक का वेतन वरीय से अधिक हो गया।
वित्तीय निर्देशों का हवाला
इस विसंगति को दूर करने के लिए वित्त विभागीय संकल्प संख्या 660/(F/2) दिनांक 08.02.1999 के प्रावधानों का हवाला दिया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि यदि जूनियर कर्मचारी को पहले वेतन वृद्धि का लाभ मिल रहा हो, तो उसी तिथि से वरीय को भी वृद्धि प्रदान की जाएगी।
DSE का स्पष्ट निर्देश
01.06.1995 से प्रभावी वेतन पुनर्निर्धारण की स्वीकृति दी गई है।
सभी प्रखंड पदाधिकारी को एक सप्ताह के अंदर पुनर्निर्धारित वेतन विवरण अधोहस्ताक्षरी कार्यालय को भेजने को कहा गया है।
सभी संबंधित अधिकारी से यह भी कहा गया है कि वे वित्त विभाग द्वारा निर्गत सभी आदेशों की गहन समीक्षा कर, स्वयं पूरी तरह संतुष्ट होकर ही विसंगति को ठीक करें, जिससे वित्तीय अनियमितता और न्यायिक विवाद से बचा जा सके।
शर्तें भी स्पष्ट
यदि भविष्य में प्रशासी वित्त विभाग द्वारा किसी प्रकार की रोक अथवा प्रतिकूल आदेश जारी होता है, तो यह स्वीकृति स्वतः निरस्त मानी जाएगी और शिक्षकों द्वारा प्राप्त अतिरिक्त राशि एकमुश्त वसूल की जाएगी।
इस आदेश की प्रतिलिपि जिला कोषागार पदाधिकारी तथा जिला लेखा एवं पेंशन पदाधिकारी, चाईबासा को भी सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु भेजी गई है।