
पलामू में भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित
डीजे न्यूज, हुसैनाबाद (पलामू) :
राजकीयकृत मध्य विद्यालय, हुसैनाबाद के प्रांगण में आज भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि श्रद्धा एवं सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत नियमित प्रार्थना, राष्ट्रगान, सफाई हेतु संकल्प, संविधान की प्रस्तावना पठन एवं जेसीईआरटी द्वारा प्रेषित न्यूज और क्विज से हुई। इसके उपरांत बिरसा मुंडा के जीवन और संघर्ष पर विशेष चर्चा की गई।
विद्यालय परिवार ने बताया कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के खूंटी जिले के उलीहातू गांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम दाउद मुंडा था। उनके पिता का नाम सुगना मुंडा और माता का नाम करमी मुंडा था। उन्होंने आनंद पांडे को अपना गुरु माना। वे मुंडा जनजाति के महान लोकनायक और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी नायक थे।
बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक व्यापक आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया। उनका प्रसिद्ध नारा “अबुआ दिशुम अबुआ राज” (हमारा देश, हमारा राज) आज भी आदिवासी चेतना और स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकार की आवाज बुलंद की। साथ ही अंग्रेजों के समर्थन से पनप रहे सेठ-साहूकारों और धर्मांतरण की कोशिशों का भी विरोध किया।
3 मार्च 1900 को उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया और रांची के सेन्ट्रल जेल में बंद कर दिया गया। वहीं 9 जून 1900 को मात्र 25 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। इस अल्प आयु में ही वे मानव से महामानव और भगवान बिरसा के रूप में पूजे जाने लगे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिवार द्वारा उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही उनके आदर्शों पर चलने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक कन्हैया प्रसाद, शिक्षकगण राजेश कुमार गुप्ता, जुबैर अंसारी, आशा कुमारी, सुषमा पांडेय, रश्मि प्रकाश एवं राजेश सिंहा की गरिमामयी उपस्थिति रही। बाल संसद के प्रधानमंत्री अमित कुमार एवं छात्रा प्रतिनिधि नंदिनी कुमारी तथा जागृति कुमारी ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।
विद्यालय परिसर में आयोजित यह श्रद्धांजलि सभा छात्र-छात्राओं में बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरणा लेने और उनके बताए मार्ग पर चलने का संदेश देकर संपन्न हुई।