
रेलवे ट्रैकमैन की आवाज बनी एआईआरएफ, मांगों को लेकर नई दिल्ली में दो दिवसीय बैठक
डीजे न्यूज, धनबाद/नई दिल्ली : रेलवे कर्मचारियों के हितों की पैरवी करने वाली ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) और रेलवे बोर्ड के बीच दो दिवसीय पीएनएम (Permanent Negotiating Machinery) बैठक का शुभारंभ रेल भवन, नई दिल्ली में हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में ट्रैक मेन्टेनरों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया गया।
बैठक में एआईआरएफ की ओर से महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने नेतृत्व किया, जबकि ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन (ईसीआरकेयू) की ओर से महामंत्री एस.एन.पी. श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष एस.एस.डी. मिश्रा तथा धनबाद मंडल से अपर महामंत्री मो. ज़्याऊद्दीन ने हिस्सा लिया। प्रशासनिक पक्ष की अध्यक्षता रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री सतीश कुमार ने की।
ट्रैकमैन की मांगों की बुलंद आवाज:
बैठक के पहले दिन ही कॉम. शिव गोपाल मिश्रा ने ट्रैक मेन्टेनरों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि फेडरेशन बार-बार इन मुद्दों को उठाती रही है, लेकिन अब तक सरकार और रेल मंत्रालय की ओर से ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जो बेहद निराशाजनक है।
प्रमुख मांगें जो बैठक में रखी गईं:
कीमैन के कार्य प्रणाली का आधुनिकीकरण
पी वे मैन्युअल में आवश्यक संशोधन
रन ओवर से बचाव हेतु सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति
मेडिकल मानकों का अपग्रेडेशन
गेटमैन की तरह रिस्क अलाउंस
कार्य बीट की सीमा निर्धारण (सामान्य: 3 किमी, संवेदनशील क्षेत्र: 2 किमी)
उपकरणों का वजन कम किया जाए
4200 ग्रेड पे की मांग
नई प्रणाली से पहले प्रशिक्षण
व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण की नियमित आपूर्ति
कोहरा और रात्रि कार्य हेतु विशेष सुरक्षा संसाधन
12 घंटे की ड्यूटी व्यवस्था पर पुनर्विचार
दो पेट्रोल मैन की एकसाथ ड्यूटी
कार्य परिस्थितियों में बदलाव
ड्यूटी निर्धारण में वरिष्ठता का ध्यान
ट्रैकमैन को गैर-लाइन ड्यूटी से मुक्त करना
अन्य चर्चित मुद्दे:
बैठक में अन्य श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए भी रिस्क अलाउंस, रनिंग स्टाफ के किलोमीटर भत्ते में 25% बढ़ोतरी, तथा सिग्नल स्टाफ के लिए कार्य रोस्टर जैसे विषयों पर भी चर्चा जारी है।
जोनल सेक्रेटरी ओ.पी. शर्मा एवं मीडिया प्रभारी एन.के. खवास ने उम्मीद जताई है कि इस बैठक से ट्रैकमैन सहित सभी रेल कर्मचारियों के लिए ठोस और सकारात्मक निर्णय निकलेंगे।
रेल कर्मचारियों की उम्मीदें अब रेलवे बोर्ड के फैसले पर टिकी हैं।