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डीजे न्यूज, पूर्वी टुंडी, धनबाद : शंकरडीह बलारडीह मोड़ स्थित काली मंदिर प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। कथा वाचक संजीत कृष्ण शरण ने इस अवसर पर धर्म और अधर्म के महत्व पर विस्तृत प्रवचन दिया।
उन्होंने कहा कि जो हृदय में धारण किया जाए, वही धर्म है। मानव जब अपनी मां के गर्भ में होता है, तब ही वह संकल्प लेता है कि जन्म लेने के बाद प्रभु का गुणगान करेगा। लेकिन जैसे-जैसे वह बड़ा होता है, वह अपने इस संकल्प को भूलने लगता है और अधर्म की ओर अग्रसर हो जाता है।
- कथावाचक ने बताया कि जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब प्रभु स्वयं अवतरित होते हैं और पुनः धर्म की स्थापना करते हैं। उन्होंने धर्म के मार्ग पर चलने और प्रभु की भक्ति करने का संदेश दिया।
इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे और कथा के प्रवचनों का श्रवण किया। आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि आगामी दिनों में भी विभिन्न धार्मिक प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा, जिसमें श्रीकृष्ण लीलाओं पर विशेष प्रवचन होगा।