
बंचिंग विवाद पर फूटा शिक्षकों का गुस्सा, वित्त विभाग के पत्र को बताया भ्रामक
डीजे न्यूज, जमशेदपुर :
वित्त विभाग द्वारा बंचिंग लाभ को अमान्य करने के आदेश के विरोध में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी के बैनर तले सैकड़ों शिक्षक आज जिला शिक्षा अधीक्षक आशीष कुमार पांडे से मिले। शिक्षक नेता सुनील कुमार के नेतृत्व में पहुँचे संघ के प्रतिनिधियों ने उक्त आदेश को भ्रामक और शिक्षक विरोधी बताया।
संघ का कहना है कि वित्त विभाग का हालिया पत्र उत्क्रमित वेतनमान और बंचिंग को एक साथ जोड़ता है, जबकि दोनों का कोई संबंध नहीं है। वर्ष 2014 में शिक्षकों का वेतन उत्क्रमित वेतनमान के तहत निर्धारित किया गया था, जिसे जिला लेखा पदाधिकारी ने सत्यापित भी किया, लेकिन आज तक उस वेतन का लाभ नहीं मिला। अब सरकार द्वारा इसे निरस्त कर देना और बंचिंग को भी अमान्य करार देना अनुचित है।
संघ ने कहा कि छठे पुनरीक्षित वेतनमान के संकल्प संख्या 660, दिनांक 28.02.2009 के आलोक में 1 जनवरी 2006 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों और कर्मियों को बंचिंग लाभ मिला था, जिसे 16 वर्षों बाद अमान्य करना शिक्षकों के अधिकारों पर कुठाराघात है।
डीईओ से मिला आश्वासन
शिक्षकों की बातों को गंभीरता से सुनते हुए डीईओ पांडे ने कहा कि वे वित्त विभाग से स्पष्ट मार्गदर्शन मांगेंगे और लंबित वेतन भुगतान पर पुनर्विचार करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि 15 दिनों के भीतर इस विषय पर ठोस कार्रवाई होगी।
अन्य मांगें भी उठाईं गईं
संघ की ओर से निम्नलिखित मांगें भी डीईओ के समक्ष रखी गईं
नई पेंशन योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए।
ग्रेड-4 में प्रोन्नत शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जांच कर वेतन निर्धारण किया जाए।
12 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षकों को ग्रेड-1 से ग्रेड-2 में पदोन्नति दी जाए।
वार्ता में शामिल प्रमुख शिक्षक नेताओं में सरोज कुमार लेंका, संजय कुमार केसरी, माधिया सोरेन, जितेंद्र कुमार सिंह अनिल राय, आशुतोष कुमार मिश्रा, राजकुमार रोशन, बासेत मार्डी, अरुण कुमार झा, मनोज कुमार, बूटा अर्चना, ममता कुमारी, राजेश कुमार मिश्रा सहित दर्जनों शिक्षक शामिल थे।
शिक्षकों ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार और विभाग ने शीघ्र सकारात्मक पहल नहीं की, तो आंदोलनात्मक रुख अपनाया जाएगा।