
आइआइटी (आइएसएम) धनबाद में डिजीटल टेक्नोलॉजी और विकसित भारत पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ
डीजे न्यूज, धनबाद:
आइआइटी (आइएसएम) धनबाद के मैनेजमेंट स्टडीज और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “डिजिटल टेक्नोलॉजीज फॉर बिजनेस एक्सीलेंस एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट एंड क्रिएटिंग विकसित भारत @2047 (ICDTBESDVB 2025)” का शुभारंभ शुक्रवार को संस्थान परिसर स्थित टेक्समिन स्मार्ट क्लासरूम में हुआ। शुरूआत प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप और उदघाटन सत्र के साथ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत संयोजक और सहायक प्रोफेसर प्रो. रश्मि सिंह द्वारा की गई।
डिजीटल तकनीकों के साथ अपडेट रहना समय की जरूरत: निदेशक
निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि बदलती डिजिटल तकनीकों के साथ खुद को अपडेट रखना आज के समय की ज़रूरत है। उन्होंने डिजिटल युग के विकास क्रम की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि कैसे फज़ी लॉजिक और फिर एआइ और एम एल तक पहुंचने में तकनीकी सफर अहम रहा है।
इंसानी सोच और समझ की बराबरी नहीं कर सकता एआइ: बीसीसीएल निदेशक
मुख्य अतिथि के तौर पर बीसीसीएल के डायरेक्टर (एच आर) मुरली कृष्णा रामैया ने कहा कि एआइ भले ही तेजी से आगे बढ़ रहा हो, लेकिन यह इंसानी सोच और समझ की बराबरी नहीं कर सकता। उन्होंने अपने 36 साल के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि अगर प्रक्रिया सही हो तो परिणाम भी अच्छा ही होगा।
प्रो. बी.के. दास (गणित विभाग) ने विभाग की इस पहल की सराहना की और ऐसे आयोजनों के लिए सही दस्तावेजीकरण की अहमियत बताई।
वर्कशॉप के दौरान आयोजित सत्र
प्रो. बी.के. दास ने शैक्षणिक शोध की विभिन्न चुनौतियाँ और पहलू विषय पर व्याख्यान दिया।
डॉ.कोंगा गोपिकृष्णा (डीएसटी) और डॉ. प्रह्लाद राम (एएन आर एफ) ने युवा वैज्ञानिकों और शिक्षकों के लिए रिसर्च के अवसरनविषय पर साझा सत्र लिया, जिसमें उन्होंने रिसर्च फंडिंग और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
प्रो. एस.के. मिश्रा (बीएचयू) ने नीति निर्धारण में गणित की भूमिका पर व्याख्यान दिया।
प्रो. वी.बी. सिंह (जेएनयू) ने जब जेनेरेटिव एआइ मिले सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से विषय पर जानकारी साझा की।
पहले दिन का समापन ब्लूमबर्ग की मैनेजर युगास्था सक्सेना द्वारा विशेष सत्र और लाइव ब्लूमबर्ग प्रोडक्ट डेमो के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने आधुनिक फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी टूल्स की जानकारी दी।