
धर्मगुरुओं ने संभाली बाल विवाह की रोकथाम की कमान
डीजे न्यूज, महुदा (धनबाद): बाल विवाह की रोकथाम के लिए महुदा के कंचनपुर स्थित झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट के प्रधान कार्यालय में सोमवार को धर्मगुरुओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। ट्रस्ट के निदेशक शंकर रवानी ने कहा कि धर्मगुरुओं से सहयोग व समर्थन मिला है। इस अक्षय तृतीया में जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होने दिया जाएगा।
बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए देश में नागरिक समाज संगठनों के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के धनबाद में सहयोगी संगठन झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट की ओर से अक्षय तृतीया और शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न धर्मों के विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहितों के बीच चलाए जा रहे जागरूकता अभियान को व्यापक सफलता मिली है और सभी धर्मगुरुओं ने इसकी सराहना करते हुए समर्थन का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए कि कोई भी बाल विवाह किसी पंडित, मौलवी या पादरी जैसे पुरोहित के बिना संपन्न नहीं हो सकता, हमने उन्हें बाल विवाह के खिलाफ अभियान से जोड़ने का फैसला किया। आज जिले में तमाम मंदिरों-मस्जिदों के आगे ऐसे बोर्ड लगे हुए है जिन पर स्पष्ट लिखा है कि यहां बाल विवाह की अनुमति नहीं है। गौरतलब है कि जेआरसी 2030 तक देश से बाल विवाह खत्म करने के मकसद से ‘चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया’ कैम्पेन चला रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने स्थानीय प्रशासन के सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर 2023-24 में ही जिले में 600 बाल विवाह रुकवाए हैं। यह संगठन 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जेआरसी के संस्थापक भुवन ऋभु की किताब ‘व्हेन चिल्ड्रेन हैव चिल्ड्रेन : टिपिंग प्वाइंट टू इंड चाइल्ड मैरेज’ में सुझाई गई समग्र रणनीति पर अमल कर रहा है।
शंकर ने कहा कि अभी भी बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता की कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं है कि बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत दंडनीय अपराध है। इसमें किसी भी रूप में शामिल होने या सेवाएं देने पर दो साल की सजा व जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसमें बाराती और लड़की के पक्ष के लोगों के अलावा कैटरर, साज-सज्जा करने वाले डेकोरेटर, हलवाई, माली, बैंड बाजा वाले, मैरेज हाल के मालिक और यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पंडित और मौलवी को भी अपराध में संलिप्त माना जाएगा और उन्हें सजा व जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हमने धर्मगुरुओं और पुरोहित वर्ग के बीच जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया क्योंकि यह वो सबसे महत्वपूर्ण वर्ग है जो विवाह संपन्न कराता है। मौके पर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष विनोद महतो, समन्वयक नईमुद्दीन अंसारी, ममता रवानी, सीता कुमारी, दीपा रवानी, मुमताज अंसारी, चंदा कुमारी, पूजा महतो आदि उपस्थित थे।