भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने जातीय जनगणना का प्रस्ताव किया पारित
डीजे न्यूज, गिरिडीह : अंबेडकर भवन सह पुस्तकालय ऑफिसर कॉलोनी में भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक सह चिंतन शिविर का समापन रविवार को किया गया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित किया।
अध्यक्षता भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन, नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसजी माचनवार (महाराष्ट्र) ने किया।
बैठक में निम्नलिखित विषयों पर मंथन हुआ :
-भारतीय संविधान की सुरक्षा
-पिछड़े समुदाय की जातिवार जनगणना एवं आबादी के अनुसार उनके प्रतिनिधित्व पर विमर्श
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बहुजन समाज की एकता बनाने पर विचार
– पिछड़े समुदाय को अंधविश्वास एवं पाखंडी विचारों से मुक्त होकर शिक्षा पर जोर देना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं तर्कशीलता को बढ़ावा देना
— भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन झारखंड प्रदेश में विस्तार
–राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के अन्य ज्वलंत मुद्दे।
इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के द्वारा माता सावित्रीबाई फुले की जन्म तिथि 3 जनवरी को शिक्षा दिवस के रूप में अधिसूचित करने तथा जातिगत जनगणना के लिए बिहार विधानसभा के द्वारा प्रस्ताव पारित करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
साथ ही राजस्थान के जालौर जिले में दलित समाज के होनहार बच्चे इंद्र कुमार मेघवाल के द्वारा मटका छू लेने के कारण वहां के प्रधानाध्यापक द्वारा पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दिए जाने के खिलाफ तथा गुजरात दंगों की बलात्कार पीड़िता बिलकिस बानो के 11 दोषियों को गुजरात सरकार के द्वारा गैरकानूनी तरीके से सजा माफी करने के विरुद्ध में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इसके लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव कार्यकारिणी के सदस्यों ने पारित किया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने मुख्य रूप से पिछड़े वर्गों की जातिगत जनगणना पर विस्तार पूर्वक बातें रखीं। साथ ही जाति जनगणना के इतिहास एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसकी उपयोगिता तथा महत्ता पर उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया। सभी उपस्थित लोगों ने एक मत से इस विषय को भारत के 85 प्रतिशत बहुजन समाज के लोगो में जन-जन तक निरंतर इस मुद्दे को जागरूकता अभियान के तहत जन आंदोलन का रूप देने के लिए कार्य करने का प्रस्ताव पारित किया।
साथ ही साथ पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, धर्मान्तरित अल्पसंख्यकों को एक मंच पर साथ मिलकर आपसी सौहार्द्र एवं सामंजस्य के साथ काम करने तथा फासीवादी शक्तियों के खिलाफ निरंतर अपनी आवाज बुलंद करने का आह्वान किया गया।
कार्यक्रम में पंजाब से आरके पाल, बिहार से भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष अधिवक्ता गणपति मंडल एवं संरक्षक जुनैद आलम, लखनऊ से यादव शक्ति पत्रिका के संपादक राजवीर सिंह यादव, हरियाणा से प्रोफेसर रामावतार यादव महाराष्ट्र से डॉक्टर ज्ञानेश्वर गोरे, संस्थापक सत्यशोधक विद्यापीठ यवतमाल, महाराष्ट्र सहित हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश झारखंड, बिहार, पंजाब इत्यादि राज्यों से इस संगठन के कई पदाधिकारी तथा झारखंड के गढ़वा, पलामू, जमशेदपुर, गोड्डा, देवघर, दुमका, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, जामताड़ा जिलों से कई प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में गिरिडीह जिले के विभिन्न संगठनों के पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, एवं अल्पसंख्यक समाज के सामाजिक कार्यकर्ता एवं बुद्धिजीवियों ने उपस्थित होकर भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन के प्रस्तावों पर सहमति जताते हुए समाज में निरंतर दलित, शोषित, वंचित एवं पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कार्य करने हेतु कृत संकल्पित हुए।
इस कार्यक्रम में आगामी 4 एवं 5 मार्च को गिरिडीह जिले में ही भारतीय पिछड़ा शोषित संगठन का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाए जाने पर सहमति बनी। राष्ट्रीय अधिवेशन को सफल बनाने हेतु सभी कार्यकर्ताओं ने तन मन धन से सहयोग देने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के बाद प्रोफेसर जागेश्वर यादव द्वारा लिखित पुस्तक घर संसार का विमोचन भी किया गया। विमोचन डॉक्टर बी हेंब्रम, परमेश्वर मंडल बार काउंसिल मेंबर झारखंड, कामेश्वर प्रसाद यादव अधिवक्ता
ने संयुक्त रूप से किया।
इस कार्यक्रम में बाहर से आए प्रतिनिधियों के अतिरिक्त गिरिडीह जिले से वरिष्ठ अधिवक्ता दामोदर गोप, अधिवक्ता मान्यवर कामेश्वर प्रसाद यादव, रविदास महासभा के कमल दास, प्रख्यात पर्यावरणविद शिव शंकर गोप, देवेंद्र कुमार बौद्ध, रामदेव विश्वबंधु, प्रोफेसर जागेश्वर यादव, प्रोफेसर एल एल शाहा, प्रोफेसर अनिल कुशवाहा, प्रोफेसर धनेश्वर रजक, बुद्ध प्रिय नरेश, नरेश कुमार बौद्ध, दीपक भारती, प्रख्यात मूलनिवासी गायक भारत सम्राट, प्रवीण कुमार, रूपलाल दास, चिकित्सक डॉक्टर बरनाबस हेंब्रम, रीतलाल बौद्ध, मोहन बौद्ध, प्रयाग यादव, अधिवक्ता भुनेश्वर महथा, बैंकुठ यादव, उत्तर प्रदेश से भारतीय शोषित पिछड़ा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार यादव,राधेश्याम ध्रुव, सियाराम यादव मयंक, डॉक्टर साधना मोर्या राय अश्वर राय, मंगल महतो, श्याम सुंदर यादव अधिवक्ता, जयदेव यादव अधिवक्ता, अनीता यादव, सीमा कुमारी, मालती देवी राखी देवी, प्यारी महतो शिव नारायण दास, प्रोफेसर भुनेश्वर महतो सहित सैकड़ों की संख्या में विभिन्न समुदायों के बुद्धिजीवी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पर्यावरणविद शिव शंकर गोप ने किया।