हेमंत सरकार नौकरी नहीं मौत बांट रही : बिजय चौरसिया

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हेमंत सरकार नौकरी नहीं मौत बांट रही : बिजय चौरसिया

डीजे न्यूज, रांची : हेमंत सोरेन की सरकार नौकरी नहीं बल्कि राज्य के युवाओं को मौत बांट रही है। नित्य एक घर उजड़ रहा है लेकिन सरकार पत्थरदिल हो चुकी है। उक्त बातें शनिवार को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बिजय चौरसिया ने मृतक विरंची राय के परिजनों से मुलाकात के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि भाजपा के तमाम आग्रह और निवेदन के बाद भी यह सरकार हठी बनी हुई है। किसी का घर उजड़े या दिया बुझे, इसे कोई मतलब नहीं है। चौरसिया ने कहा कि मैंने मृतक माता-पिता की आंखों में आंसुओं का जो सैलाब देखा है, उससे मेरी आत्मा कांप गई है। आखिर कैसे कोई सरकार अपने होनहार युवाओं की जीवन लीला समाप्त करने पर तुली है!

चौरसिया ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आखिर तबियत बिगड़ने के बाद विरंची राय को शीघ्रता बरतते हुए एंबुलेंस द्वारा अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया गया? क्यों वहां मेडिकल की कोई व्यवस्था नहीं थी? जब किसी तरह विरंची को उठाकर सदर अस्पताल पहुंचाया गया, तो वहां की स्थिति और विकट नजर आई—न ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था थी, न ही बेड पर चादर थी और न ही एक पंखा भी था।

उन्होंने कहा कि घटनाएं जब लगातार हो रही हैं, तो इसको लेकर सरकार की तैयारी क्या थी? उत्पाद सिपाही की दौड़ ने फिर एक होनहार युवक की जान ले ली है। राजधनवार के गादी निवासी 28 वर्षीय विरंची राय (पिता दर्शन राय) अपने घर का एकमात्र सहारा था, जिसे इस सरकार ने बुझा दिया।

चौरसिया ने कल्पना सोरेन से सवाल करते हुए कहा, “कल्पना सोरेन जी अपनी हर सभा में यह पूछती हैं कि मेरे पति के जेल के पांच माह कौन लौटाएगा! मैं कल्पना जी से पूछता हूं कि इन युवकों को कौन लौटाएगा? कौन इन निर्दोष युवकों के माता-पिता की खुशियों को लौटाएगा?”

उन्होंने मांग की कि सरकार मृतक परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा और उस परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे। चौरसिया ने बताया कि विरंची राय का एक भाई विकलांग है, एक मजदूर है। अपने वृद्ध माता-पिता का एकमात्र सहारा विरंची राय ही था जिसे इस हेमंत सरकार की भ्रष्ट सिस्टम ने छीन लिया है।

इस मौके पर भाजपा नेता पूर्व 20 सूत्री अध्यक्ष नकुल राय, अनिल राय, विजय पांडेय के अलावा कई ग्रामीणों की उपस्थिति रही।

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