
पढ़ाई-लिखाई में उम्र की सीमा नहीं, पलामू में रोजे के बीच महिलाओं ने दी साक्षरता परीक्षा
डीजे न्यूज, पलामू : पढ़ाई-लिखाई की कोई उम्र सीमा नहीं होती, यह बात ULLAS (Understanding of Life Long Learning for All in Society) के तहत आयोजित परीक्षा में साबित हो गई। रविवार, 23 मार्च को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत आयोजित इस परीक्षा में कई महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
राजकीयकृत मध्य विद्यालय, हुसैनाबाद, पलामू में आयोजित परीक्षा में 17 मुस्लिम धर्मावलंबी महिलाएं भी शामिल हुईं, जिन्होंने पाक माह रमजान के दौरान रोजे के बावजूद परीक्षा देकर शिक्षा के प्रति अपनी लगन दिखाई। इस पहल का उद्देश्य 15 वर्ष से ऊपर की उन महिलाओं को साक्षर बनाना है, जो किसी कारणवश पहले शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकीं। यह परीक्षा देश को 2030 तक पूर्ण साक्षर बनाने के लक्ष्य के तहत ली गई, जिससे समाज में कर्तव्यबोध और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले।
परीक्षा में पढ़ना-लिखना और संख्यात्मक प्रश्न शामिल थे। इस दौरान केंद्राधीक्षक कन्हैया प्रसाद, सीआरपी विनय सिंह और वीक्षक राजेश कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे।
ULLAS अभियान के तहत इस तरह की परीक्षाएं महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें शिक्षित कर समाज में आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।