शत-प्रतिशत टीकाकरण कराएं : नमन प्रियेश लकड़ा
डीजे न्यूज, गिरिडीह : खसरा एवं रूबेला संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम को लेकर एमआर अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर टीकाकरण अभियान जारी है। इसी के निमित्त आज समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। बैठक में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्रगति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही उपायुक्त द्वारा प्रखंडवार एमआर वैक्सीनेशन अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान सिविल सर्जन ने बताया कि गिरिडीह जिला एमआर वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 92% प्रगति सुनिश्चित कर चुका है। इस संबंध में उपायुक्त ने जल्द से जल्द शत-प्रतिशत एमआर वैक्सीनेशन अभियान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इसके अलावा उपायुक्त में सभी अधिकारियों व कर्मियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य संपादित करने कांग्रेस दिया। उन्होंने बताया कि एक राष्ट्रव्यापी अभियान के अन्तर्गत खसरा तथा रूबैला के प्रति सुरक्षा प्रदान करने के लिए खसरा-रुबैला (एम.आर.) का एक टीका स्कूलों तथा आउटरीच सत्रों में आरम्भ किया गया है। इस एम.आर. टीके को बाद में नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा। यह महत्वपूर्ण है कि इस अभियान के अन्तर्गत 9 माह से 15 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका लगाया जा रहा है, भले ही पहले उन्हें एम आर / एम.एम.आर. का टीका दिया जा चुका हो। मूल कारण खसरा रोग के सफाये तथा रुबैला को नियंत्रित करने के लिए 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को यह टीका दिया जाना अत्यावश्यक है। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि कोई भी बच्चा छूटे नहीं इसे सभी अधिकारियों को सुनिश्चित करना है। उपायुक्त ने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी एवं कर्मी आपसी समन्वय स्थापित करते हुए एमआर वैक्सीनेशन से संबंधित कार्यों को संपादित करेंगे। इसके अलावा उपायुक्त ने सिविल सर्जन एवं सभी अनुमंडल पदाधिकारी को एमआर वैक्सीनेशन का नियमित मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया। इसके अलावा उपायुक्त ने सभी संबंधित अधिकारियों को एमआर वैक्सीनेशन अभियान में अपनी पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा कि अत्यधिक संख्या में बच्चों को एमआर वैक्सीनेशन से लाभान्वित किया।
खसरा : खसरा एक जानलेवा रोग है जोकि वायरस द्वारा फैलता है। बच्चों में खसरे के कारण विकलांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है।
रुबैला : रुबैला एक संक्रामक रोग है जो वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण खसरा रोग जैसे होते हैं यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रुबैला सिंड्रोम (सी.आर.एस) हो सकता है जोकि उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
याद रखने योग्य बातें : इस अभियान के दौरान यह टीका 9 माह से 15 वर्ष तक की उम्र के सभी बच्चों को जरूर लगवाया जाना चाहिए। इसे सभी स्कूलों, सामुदायिक सत्रों, आँगनवाड़ी केन्द्रों और सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर लगाया जाएगा। यदि किसी बच्चे को एम.आर / एम.एम.आर. का टीका पहले से लगाया जा चुका हो तो उसे भी यह टीका लगवाएँ। खसरा-रुबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है एवं इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते है। बच्चों को यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा। इस सामूहिक अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। कृपया अपने 9 माह से 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को खसरा-रुबैला टीकाकरण हेतु अभियान स्थल पर अवश्य लेकर आएं।