इरफान अंसारी के प्रयास का फल : झारखंड में पहली बार आदिवासी परिवार को मिला एक करोड़

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इरफान अंसारी के प्रयास का फल : झारखंड में पहली बार आदिवासी परिवार को मिला एक करोड़

आदिवासी समाज को मिला ऐतिहासिक सम्मान : इरफान अंसारी
डीजे न्यूज, जामताड़ा : आज का दिन झारखंड के इतिहास में एक भावनात्मक और गर्व का क्षण लेकर आया है। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित, समर्पित शिक्षक स्व. सुशील मरांडी के निधन पर झारखंड सरकार की ओर से उनके परिवार को ₹1 करोड़ की सहायता राशि देने की ऐतिहासिक घोषणा की गई। यह निर्णय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की संवेदनशीलता और आदिवासी समाज के प्रति उनके आदर का सजीव प्रमाण है।
इस पूरे मामले में झारखंड के स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. इरफान अंसारी की भूमिका सराहनीय रही। दुर्घटना के बाद उन्होंने तत्परता दिखाते हुए आसनसोल हेल्थ वर्ल्ड अस्पताल में इलाज की समुचित व्यवस्था कराई और लगातार पूरे उपचार को मॉनिटर करते रहे। दुर्भाग्यवश, लम्बे इलाज के बाद शिक्षक मरांडी ने अंतिम सांस ली।
बुधवार को प्रेस को संबोधित करते हुए डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि “एक आदिवासी मां को ₹1 करोड़ की सहायता देना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के प्रति हमारा आदर और कृतज्ञता है। मैं पूरे समाज से कहना चाहता हूं कि आप निश्चिंत रहें, आपके हक की लड़ाई में, आपके सुख-दुख में, आपका नेतृत्व और आपका गार्डियन आज भी आपके साथ खड़ा हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ भी जाता हूँ, लोग मुझ पर विश्वास करते हैं, क्योंकि मैं बिना स्वार्थ के जनता का काम करता हूँ। कुछ लोग हमारे काम से जलते हैं, आलोचना करते हैं लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि जनता मेरे साथ है।
और आज, हमारे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी समाज को इतना बड़ा सम्मान देकर एक ऐतिहासिक मिसाल कायम की है। मंत्री ने यह भी बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से पारा शिक्षकों के लिए भी मरणोपरांत सहायता राशि देने की औपचारिक मांग की है। “मैंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जैसे हम स्थायी शिक्षकों के प्रति संवेदनशील हैं, वैसे ही पारा शिक्षक भी हमारे तंत्र का अभिन्न हिस्सा हैं। उनके साथ भी न्याय होना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने इसे गंभीरता से लिया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।”
इस मौके पर मौजूद रिटायर्ड शिक्षक सुनील बास्की ने कहा कि “मंत्री डॉ. अंसारी की संवेदनशीलता और तत्परता के कारण ही आज इस परिवार को इतनी बड़ी सहायता मिल रही है। उन्होंने इस कठिन समय में एक सच्चे संरक्षक की भूमिका निभाई है। ”सरकार ने ₹1 करोड़ की सहायता राशि देने की स्वीकृति दे दी है, और मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने आश्वासन दिया है कि अगले एक सप्ताह के भीतर यह राशि परिवार को औपचारिक रूप से सौंपी जाएगी। सभी आवश्यक कागजात की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है ताकि सहायता समयबद्ध रूप से पीड़ित परिवार तक पहुंचे।
इस फैसले ने न सिर्फ स्वर्गीय शिक्षक के परिवार को संबल दिया, बल्कि *झारखंड के शिक्षकों, पारा शिक्षकों और आदिवासी समाज को यह संदेश भी दिया कि सरकार उनके साथ है।हर मोड़ पर, हर परिस्थिति में।

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