
प्रधानमंत्री ने बिहार के सीवान में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया, बिहार समृद्ध होगा और देश की समृद्धि में भी बड़ी भूमिका निभाएगा: पीएम
डीजे न्यूज, न ई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के सीवान में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने उपस्थित लोगों का अभिवादन करते हुए बाबा महेंद्र नाथ और बाबा हंसनाथ को नमन किया और सोहगरा धाम की पवित्र उपस्थिति का स्मरण किया। उन्होंने मां थावे भवानी और मां अंबिका भवानी को भी नमन किया। प्रधानमंत्री ने देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद और लोकनायक जयप्रकाश नारायण को नमन किया।
मोदी ने सीवान को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक प्रेरक भूमि बताया। उन्होंने कहा कि इस भूमि ने देश के लोकतंत्र को सशक्त बनाया है और संविधान को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि सीवान ने देश को डॉ. राजेंद्र प्रसाद के रूप में एक महान सपूत दिया, जिन्होंने संविधान का मसौदा तैयार करने और देश की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने महान समाज सुधारक ब्रज किशोर प्रसाद के रूप में सीवान के योगदान को भी स्वीकार किया, जिन्होंने अपना जीवन महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।
मोदी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी महान हस्तियों के मिशन को केंद्र और राज्य सरकार दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम ऐसे ही निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा है जिसमें एक ही मंच से हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ये विकासात्मक पहल बिहार को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएंगी और बिहार को एक समृद्ध राज्य बनाने में योगदान देंगी। श्री मोदी ने कहा कि ये परियोजनाएं सीवान, सासाराम, बक्सर, मोतिहारी, बेतिया और आरा जैसे क्षेत्रों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएंगी।
श्री मोदी ने कहा कि वे अभी-अभी विदेश यात्रा से लौटे हैं। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने दुनिया के सबसे विकसित देशों के कुछ बड़े नेताओं से चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये नेता भारत के तीव्र विकास से बहुत प्रभावित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नेता भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरता हुआ देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार इस बदलाव में अहम भूमिका निभाएगा। श्री मोदी ने बिहार के लोगों की ताकत और क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा, “एक समृद्ध बिहार देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।” प्रधानमंत्री ने राज्य में अराजकता के दौर को खत्म करने के लिए लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार के आज के युवा दो दशक पहले राज्य की स्थिति को केवल कहानियों और किस्सों के माध्यम से जानते हैं। श्री मोदी ने कहा कि वे कुशासन के उस दौर में हुई गिरावट की सीमा को पूरी तरह से नहीं समझ सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सदियों तक भारत की प्रगति का नेतृत्व करने वाला बिहार एक समय पिछली सरकारों की पकड़ के कारण मजबूरन पलायन का प्रतीक बन गया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के प्रत्येक निवासी के लिए स्वाभिमान सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि मेरे बिहारी भाई-बहन असाधारण सुदृढ़ता का प्रदर्शन करते हैं और सबसे कठिन परिस्थितियों में भी सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करते। हालांकि, पिछली सरकारों ने बिहार के गौरव को बहुत ठेस पहुंचाई। उन्होंने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए इन सरकारों की आलोचना की, जिसने गरीबी को बिहार के दुर्भाग्य में बदल दिया। उन्होंने कहा कि कई चुनौतियों के बावजूद, सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्तमान सरकार बिहार को विकास के पथ पर वापस ले आई है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में बिहार में लगभग 55,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ से अधिक घरों को बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं जबकि 1.5 करोड़ घरों को नल का जल मिला है। श्री मोदी ने कहा कि राज्य भर में 45,000 से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि अब बिहार के छोटे शहरों में नए स्टार्ट-अप उभर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में गरीबी उन्मूलन के नारे लंबे समय से सुने जा रहे हैं, लेकिन ये उन्हीं की सरकार है जिसने यह साबित कर दिया कि गरीबी को कम किया जा सकता है। श्री मोदी ने कहा, “पिछले दशक में रिकॉर्ड 25 करोड़ भारतीयों ने गरीबी को मात दी है।” उन्होंने कहा कि विश्व बैंक जैसी विश्व प्रसिद्ध संस्थाओं ने भारत की इस उपलब्धि की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि बिहार और खासकर श्री नीतीश कुमार की सरकार ने इस राष्ट्रीय सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले बिहार की आधी से ज्यादा आबादी अत्यधिक गरीबी की श्रेणी में आती थी। हालांकि, पिछले दस सालों में बिहार में करीब चार करोड़ लोगों ने गरीबी को मात दी है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य सेवा गरीबों की पहुंच से बाहर है और शिक्षा तथा रोजगार के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों को बिजली या पानी के कनेक्शन के लिए सरकारी दफ्तरों के अनगिनत चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि गैस कनेक्शन पाने के लिए सांसद की सिफारिश की जरूरत होती थी और रिश्वत या प्रभाव के बिना नौकरियां मिलना असंभव था। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से सबसे ज्यादा प्रभावित मुख्य रूप से दलित, महादलित, पिछड़े और अत्यंत पिछड़े समुदायों के लोग हैं। श्री मोदी ने कहा कि इन वर्गों को गरीबी उन्मूलन के सपने दिखाए गए, लेकिन मुट्ठी भर परिवार इस प्रक्रिया में करोड़पति और अरबपति बन गए।
श्री मोदी ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में हमारी सरकार गरीबों के मार्ग से हर बाधा को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध रही है। परिणामस्वरूप, अब स्पष्ट और प्रभावशाली परिणाम सामने आ रहे हैं।” उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में, देश भर में 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को सरकारी पहल के तहत पक्के घर मिले हैं और आने वाले वर्षों में अतिरिक्त 3 करोड़ घरों का निर्माण किया जाना है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि इस विकास से बिहार के गरीबों, दलितों, महादलितों, पिछड़े वर्गों और अत्यंत पिछड़े परिवारों को काफी लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अकेले बिहार में 57 लाख से अधिक पक्के घर बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि सीवान जिले में गरीबों के लिए 1.10 लाख से अधिक घर पहले ही बनाए जा चुके हैं और यह काम बिना किसी रुकावट के चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज बिहार में 50,000 से अधिक परिवारों को आवास की किस्तें वितरित की गईं। श्री मोदी ने इस बात पर विशेष संतोष व्यक्त किया कि इनमें से अधिकांश घर माताओं और बहनों के नाम पर पंजीकृत हैं। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि जिन महिलाओं के नाम पर पारंपरिक रूप से कभी संपत्ति नहीं रही, वे अब गौरवान्वित गृहस्वामिनी बन रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों को न केवल आवास बल्कि मुफ्त राशन, बिजली और पानी की सुविधा भी प्रदान कर रही है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार हर ग्रामीण घर में नल कनेक्शन और शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने के उद्देश्य से काम कर रही है। उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में बिहार के विभिन्न शहरों में कई पाइपलाइन और सीवेज उपचार परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि अब दर्जनों नए शहरों के लिए नई पाइपलाइन और सीवेज उपचार संयंत्रों को मंजूरी दी गई है।
श्री मोदी ने पिछली सरकारों के ट्रैक रिकॉर्ड की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनकी हरकतें हमेशा बिहार विरोधी और निवेश विरोधी रही हैं। उन्होंने कहा कि जब भी ये पार्टियां विकास की बातें करती हैं, तो लोगों को बंद दुकानों, ठप पड़े कारोबार और बंद उद्योगों की याद आ जाती है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यही वजह है कि ऐसी पार्टियां कभी भी बिहार के युवाओं का भरोसा नहीं जीत पाई हैं। उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने हमेशा से ही खस्ताहाल बुनियादी ढांचे, माफिया राज, अराजकता और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने बिहार में एनडीए के विकास मॉडल के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में मढ़ौरा लोकोमोटिव फैक्ट्री का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि मढ़ौरा फैक्ट्री में निर्मित पहला इंजन अफ्रीका को निर्यात किया जा रहा है, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह कारखाना सारण जिले में है, जिसे पिछली सरकार ने कभी पिछड़ा हुआ करार दिया था। उन्होंने कहा कि आज इसी जिले ने वैश्विक विनिर्माण और निर्यात मानचित्र पर स्थान अर्जित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में सड़कों, रेलवे, हवाई यात्रा और जलमार्गों में अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार को लगातार नई ट्रेनें मिल रही हैं, जिनमें अत्याधुनिक वंदे भारत ट्रेनें भी शामिल हैं। श्री मोदी ने एक बड़ी उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा कि सावन की शुरुआत से पहले बाबा हरिहरनाथ की धरती अब नई वंदे भारत एक्सप्रेस के माध्यम से बाबा गोरखनाथ की धरती से जुड़ गई है। उन्होंने कहा कि नई पटना-गोरखपुर वंदे भारत ट्रेन पूर्वांचल में भगवान शिव के भक्तों को आधुनिक यात्रा का विकल्प देगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह ट्रेन भगवान बुद्ध की तपस्थली और उनके महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम भी करती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान की भावना सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना तथा भेदभाव को समाप्त करना है। उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के माध्यम से इस सिद्धांत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकार के दृष्टिकोण से इसकी तुलना करते हुए कहा कि उनकी राजनीति “परिवार-प्रथम” विकास के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो केवल उनके अपने हितों को पूरा करती है। श्री मोदी ने अपने स्वयं के परिवारों की खातिर बिहार और देश भर में लाखों परिवारों के हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए उनकी आलोचना की। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर इस तरह की वंशवादी राजनीति के खिलाफ मजबूती से खड़े थे। उन्होंने इन दलों पर बार-बार उनकी विरासत का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने हाल ही में एक अन्य पार्टी से जुड़ी घटना का जिक्र किया, जिसमें डॉ. अंबेडकर की तस्वीर का कथित तौर पर अनादर किया गया था। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में माफी मांगने वाले पोस्टर दिखाई दिए हैं। उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि कोई माफी नहीं मांगी जाएगी, क्योंकि इन पार्टियों में दलितों और महादलितों के लिए वास्तविक सम्मान की कमी है। श्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने डॉ. अंबेडकर की छवि को अपने चरणों में रखा, जबकि वह डॉ. अंबेडकर को अपने दिल में रखते हैं। उन्होंने उन पर डॉ. अंबेडकर का अपमान करके खुद को उनसे बड़ा दिखाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि बिहार के लोग बाबा साहेब के इस अपमान को कभी नहीं भूलेंगे।
इस कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह, जीतन राम मांझी, गिरिराज सिंह, चिराग पासवान, नित्यानंद राय, राम नाथ ठाकुर, डॉ. राज भूषण चौधरी, सतीश चंद्र दुबे सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।