स्वच्छता की रैंकिंग में गिरिडीह जिले को शीर्ष पर लाने के लिए बनी रणनीति 

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स्वच्छता की रैंकिंग में गिरिडीह जिले को शीर्ष पर लाने के लिए बनी रणनीति 

आम नागरिक अपनी पंचायत की स्वच्छता स्थिति पर ऑनलाइन फीडबैक दे सकते हैं, बीडीओ एवं पंचायत प्रतिनिधियों को मिली आम नागरिक से फीडबैक दिलाने की जिम्मेदारी 

स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण–2025 पर जिला स्तरीय कार्यशाला में डीडीसी ने दिए कई निर्देश 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण–2025 के तहत बुधवार को समाहरणालय में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन उप विकास आयुक्त स्मृता कुमारी की अध्यक्षता में किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य जिले को स्वच्छता की रैंकिंग में शीर्ष पर लाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक मंच पर लाकर योजनाबद्ध रणनीति तैयार करना था।

इस मौके पर उपविकास आयुक्त स्मृता कुमारी ने कहा कि “स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्य एवं लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए “एक कदम स्वच्छता” की ओर के संकल्प को पूरा किया जा सकता है। इसमें सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं इससे जुड़े सभी कर्मी अपने दायित्वों को समझें और स्वच्छ भारत के निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त करें। इसमें हर नागरिक की भागीदारी भी आवश्यक है। यह सिर्फ एक की जिम्मेदारी ही नहीं हम सबका कर्तव्य है कि अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखें। तकनीक, जनसहभागिता और नियमित निगरानी के सहारे इस अभियान को और प्रभावी बनाएं। उन्होंने तरल एवं ठोस अवशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने के साथ साथ ओ डी एफ, ग्रे वॉटर मैनेजमेंट पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग समन्वय से कार्य करते हुए निर्धारित मानकों के अनुसार लक्ष्य को पूरा करें।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण- 2025 प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी SSG-2025 का सर्वे किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तहत ग्राम स्तर पर साफ सफाई एवं स्वच्छता में किए गए कार्यों का अवलोकन करेंगे। SSG- 2025 के तहत चयनित स्वतंत्र एजेंसी Academy of management Studies(AMS)के द्वारा सर्वेक्षण कार्य किया जाएगा। माह जून से अगस्त 25 (संभावित) तक सर्वेक्षण कार्य किया जाना है । स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण- 2025 हेतु कुल- 1000 अंक का प्रावधान है जिसमें Citizen Feedback -100 अंक, Service Level progres -240, Direct observation-540 एवं Observation of plant-120 अंक निर्धारित किया गया है। विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करते हुए बताया गया कि इस वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 के घटक” को बिंदुओं में सूचीबद्ध किया गया है।

1. एसएसजी 2025 पोर्टल जिसमें विश्लेषणात्मक डैशबोर्ड होगा, जो एसएसजी 2025 की प्रगति और निष्कर्षों के प्रसार के लिए उपयोग किया जाएगा।

2. जिला/प्रखंड स्तर पर ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों का सर्वेक्षण।

3. लक्षित आईईसी योजनाओं के माध्यम से एसएसजी 2025 को लोकप्रिय बनाना।

4. एसएसजी–जी आईएमआईएस पर राज्यों/जिलों/ग्राम पंचायतों द्वारा रिपोर्ट किए गए डेटा का डेस्कटॉप सत्यापन।

5. प्रत्यक्ष अवलोकन और विभिन्न हितधारकों के साथ संवाद के माध्यम से घरों, गांवों, सार्वजनिक स्थलों और एसएलडब्ल्यूएम साइटों की ओडीएफ प्लस स्थिति का क्षेत्रीय सत्यापन।

6. मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से नागरिक प्रतिक्रिया को प्रोत्साहित करना।

कार्यशाला की अन्य मुख्य बिंदुओं पर चर्चा के क्रम मेंODF प्लस गांवों का सत्यापन

पंचायत स्तर पर डैशबोर्ड अपडेट

SLWM (ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन)जन सहभागिता एवं IEC गतिविधियों को बढ़ाने पर चर्चा की ।

क्या है नागरिक फीडबैक टूल?

कार्यशाला में “नागरिक फीडबैक टूल” पर चर्चा करते हुए बताया गया कि यह टूल स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसके माध्यम से आम नागरिक अपनी पंचायत की स्वच्छता स्थिति पर ऑनलाइन फीडबैक दे सकते हैं।

नागरिक फीडबैक मोबाइल ऐप (SSG-2025 App)या प्ले स्टोर से डाउनलोड कर स्वच्छता से संबंधित अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

इसमें नागरिकों से शौचालय की उपलब्धता, उपयोग, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता कार्यों में पंचायत की भूमिका, और जन जागरूकता गतिविधियों से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं।

100 अंक नागरिक फीडबैक को दिया गया है, जिससे यह तय होता है कि क्षेत्रीय जनता वास्तव में स्वच्छता कार्यों से कितनी संतुष्ट है।

सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में नागरिक फीडबैक के लिए जागरूकता अभियान चलाएं और अधिक से अधिक ग्रामीणों को मोबाइल ऐप डाउनलोड कर प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेरित करें।

इसके साथ ही ठोस एवं तरल अवशिष्ट प्रबंधन पर दें विशेष ध्यान देने एवं ग्रे वॉटर के उपयोग हेतु तकनीकों की जानकारी दी गई ।

कार्यशाला में सिविल सर्जन, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी 1 एवं 2, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकार, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, जिला समन्वयक(SBM-G),unicef team,प्रखण्ड समन्वयक(SBM-G)अन्य कर्मी उपस्थित थे। सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्वच्छता कार्यों को गति दें और “स्वच्छता मिशन “के लक्ष्य को साकार करें।

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