
पीरटांड़ में पुल निर्माण में गड़बड़ी पर भड़के ग्रामीण, ठेकेदार को दो घंटे तक बैठाए रखा
हरलाडीह पुलिस के हस्तक्षेप और तोड़कर फिर से काम करने के आश्वासन के बाद शांत हुए ग्रामीण
डीजे न्यूज, पीरटांड़ (गिरिडीह) : पीरटांड़ प्रखंड में सरकारी विकास कार्यों में अनियमितता कोई नई बात नहीं है, लेकिन अब जागरूक ग्रामीण इस मनमानी का पुरजोर विरोध करने लगे हैं। इसी क्रम में बुधवार को बिरगड्डी गांव में पुल निर्माण में गड़बड़ी को लेकर ग्रामीणों ने एक ठेकेदार को दो घंटे तक बैठाए रखा।
पुल निर्माण में अनियमितता पर ग्रामीणों का आक्रोश
चार महीने पहले बड़कीटांड़ और बिरगड्डी के बीच नदी पर विशेष प्रमंडल द्वारा करीब दो करोड़ की लागत से पुल निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लेकिन शुरुआत से ही इसमें अनियमितताएं सामने आने लगीं। पहले भी दो बार ग्रामीणों ने विरोध किया, पर हर बार सिर्फ आश्वासन मिला। सुधार की बजाय निर्माण कार्य में और लापरवाही बरती गई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता गया।
मंगलवार को गांव के दर्जनों लोग एकत्रित हुए और जब तक काम में सुधार नहीं होगा, तब तक निर्माण कार्य रोकने का फैसला लिया। इसके बाद बुधवार को जब ठेकेदार गणपत राय पुल निर्माण स्थल पर पहुंचे, तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और सवालों की झड़ी लगा दी। करीब दो घंटे तक ग्रामीण उनसे जवाब मांगते रहे।
हरलाडीह पुलिस को करनी पड़ी हस्तक्षेप
स्थिति को बिगड़ते देख किसी ने हरलाडीह ओपी को सूचना दी। इसके बाद एएसआई सिमोन केरकेट्टा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। हालात ऐसे थे कि पुलिस को भी यह मानना पड़ा कि पुल का काम बेहद घटिया हो रहा है। बुनियाद में सरिया बाहर दिख रही थी, गिट्टी खुली हुई थी और सरिया की मोटाई भी मानकों से कम थी।
ग्रामीणों की मांग थी कि ठेकेदार खुद स्वीकार करे कि काम में गड़बड़ी हुई है और सुधार का ठोस आश्वासन दे। अंततः एएसआई केरकेट्टा की मध्यस्थता के बाद ठेकेदार गणपत राय ने स्वीकार किया कि लापरवाही हुई है और गलत काम को तोड़कर दोबारा सही तरीके से किया जाएगा। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए।
ग्रामीणों ने नियुक्त किया निगरानीकर्ता
ग्रामीणों ने पुल निर्माण की निगरानी के लिए प्रदीप महतो को जिम्मेदारी सौंपी, ताकि भविष्य में कोई अनियमितता न हो। विरोध प्रदर्शन में गांव की महिलाएं भी बढ़-चढ़कर शामिल थीं, जिन्होंने आरोप लगाया कि कुछ स्थानीय लोग भी इस लापरवाही में मिले हुए हैं।
घटना की सूचना मिलते ही झामुमो नेता राजू ठाकुर और अशोक हेम्ब्रम भी मौके पर पहुंचे। ठेकेदार गणपत राय ने सफाई देते हुए कहा कि “मुंशी की लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी, लेकिन अब से निर्माण कार्य में सुधार किया जाएगा। मुझे किसी ने बंधक नहीं बनाया था।”
सहायक अभियंता प्रमोद कुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और वे साइट पर जाकर निरीक्षण के बाद ही कोई बयान देंगे।
घटनास्थल पर मौजूद लोग
घटनास्थल पर प्रदीप कुमार महतो, लगन राम महतो, फूलचंद मरांडी, नकुल महतो, संतोष कुमार महतो, धनेश्वरी देवी, मुकेश राय, सीताराम हांसदा, डालचंद राय, त्रिवेणी महतो और योगेश हांसदा सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।
निष्कर्ष
पीरटांड़ के ग्रामीणों ने यह साबित कर दिया कि अब वे सरकारी कार्यों में धांधली बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुल निर्माण में सुधार का आश्वासन मिलने के बाद ही ग्रामीण शांत हुए, लेकिन अब निगरानी का भी इंतजाम कर दिया गया है। यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि विकास कार्यों में लापरवाही अब आसान नहीं होगी।