पीरटांड़ के बोरा पहाड़ी में हनुमान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ : आस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द्र का संगम

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पीरटांड़ के बोरा पहाड़ी में हनुमान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ : आस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द्र का संगम

डीजे न्यूज, पीरटांड़ (गिरिडीह) : गिरिडीह-टुंडी सीमा पर स्थित पीरटांड़ प्रखंड के बोरा पहाड़ी गांव में हनुमान मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भव्य यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को इस अवसर पर निकाली गई कलश यात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा, जिसमें आम और खास, सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

छह किलोमीटर लंबी कलश यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

कलश यात्रा के लिए श्रद्धालु छह किलोमीटर दूर टुंडी के सर्रा बराकर नदी घाट पहुंचे। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर शरबत और पानी की व्यवस्था की गई थी, ताकि श्रद्धालुओं को गर्मी से राहत मिल सके। विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कड़ी धूप में सड़क पर पानी का छिड़काव किया, जिससे कलश लेकर आ रही महिलाओं के पैरों को ठंडक मिले। महफूज अंसारी और जलील मियां ने मोटर से पानी छिड़काव कर इस नेक कार्य में योगदान दिया, जिसकी सर्वत्र सराहना की गई।

सुरक्षा और सहयोग में प्रशासन की सक्रिय भूमिका

यज्ञ को शांतिपूर्ण और सफल बनाने के लिए स्थानीय मुखिया यूसुफ अंसारी, पंचायत समिति सदस्या भवानी देवी, हरलाडीह ओपी प्रभारी दीपक कुमार सहित हरलाडीह और मनियाडीह की पुलिस कलश यात्रा में साथ रही। इसके अलावा, गिरिडीह से भी पुलिस बल और एम्बुलेंस के साथ चिकित्सक दल तैनात किया गया था, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।

साम्प्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक बना बोरा पहाड़ी गांव

बोरा पहाड़ी गांव में वर्षों बाद हनुमान मंदिर का निर्माण हुआ है, जहां दोनों समुदायों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। इस आयोजन में सभी समुदायों की सहभागिता ने साम्प्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल पेश की है।

धार्मिक अनुष्ठान और प्रवचन

यज्ञ में प्रयागराज से पधारे कौशलदास जी महाराज प्रवचन कर रहे हैं, जबकि अन्य पंडितों में पवन पांडेय, नंदलाल दास महाराज, मिथिलेश पांडेय, किशुन पांडेय आदि शामिल हैं।

आयोजन समिति की भूमिका

यज्ञ को सफल बनाने में अखिलेश सिंह, पंचानन सिंह, राजेश यादव, सहदेव यादव, नकुल मंडल, सुरेश मंडल, तासो यादव, हेमलाल यादव, बिनोद सिंह, उत्तम सिंह, बिजय सिंह, अमृत यादव, बिनोद यादव, मिथलेश सिंह, गोलू सिंह, मुकेश यादव, सुनील यादव, चंदन नन्दलाल कोल्ह, दिलीप सिंह आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया है, बल्कि साम्प्रदायिक सौहार्द्र और सामाजिक एकता का भी संदेश दिया है।

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