
इस वर्ष बंगाली समुदाय 15 अप्रैल को मनाएंगे नववर्ष पोइल वैशाख
बांग्ला पंचांग 1432, मंगलवार 15 अप्रैल 2025 से शुरू
डीजे न्यूज, धनबाद: पूरा विश्व एक जनवरी को अंग्रेजी नया साल मनाता है,लेकिन भारत एक ऐसा देश है,जहां एक जनवरी के अलावा और भी कई बार नया साल मनाया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग समय पर अपनी संस्कृति और परंपराओं के आधार पर नया साल मनाया जाता है। इसी तरह पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा असम, झारखंड और देश के अन्य राज्य में रहने वाले बंगाली समुदाय के लोग अपना नया साल मनाते हैं। बांग्ला कैलेंडर के अनुसार,चैत्र का महीना खत्म होते ही बैशाख का महीना शुरू हो जाता है और बंगाली समुदाय के लिए बैसाख माह का पहला दिन बहुत खास महत्व रखता है। इस दिन बंगाली समुदाय के नववर्ष की शुरुआत होती है। इस साल बंगाली नववर्ष 15 अप्रैल 2025 से शुरू होने जा रहा है। बंगाल में इसे पोइला बोइशाख कहते हैं।
पोइला बोइशाख का महत्व
प्राचीन बंगाल के राजा शोशंग को बंगाली युग के आरम्भ का श्रेय दिया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर में बंगाली युग का प्रारम्भ लगभग 594 में होने का अनुमान है। इसीलिये पोइला बोइशाख से पूर्व गणना करने पर बंगाली वर्ष अंग्रेजी कैलेंडर की तुलना में 594 वर्ष कम होता है। हालांकि,यदि पोइला बोइशाख के पश्चात् देखा जाये तो यह 593 वर्ष कम है। पोइला बोइशाख एक विशेष पर्व है जो पश्चिम बंगाल, झारखंड, त्रिपुरा, असम और भारतवर्ष के कोने-कोने के सभी राज्य में बसा हुआ बंगाली समुदाय द्वारा मनाया जाता है।
पोइला बोइशाख की तैयारी
पोइला बैसाख यानी बंगाली नव वर्ष के पहले दिन लोग बहुत सारी तैयारी करते हैं। वह अपने घरों की साफ सफाई करते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं, पूजा पाठ करते हैं और बहुत सारे पकवान भी बनाते हैं। यह बंगालियों के लिए एक खास पर्व है, जिसे वह पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इस साल पोइला बैसाख 15 अप्रैल 2025 यानि मंगलवार को है।
प्रस्तुति: नील कमल ख्वास।