
धनबाद सांसद ढुलू महतो लेह-लद्दाख में ऊर्जा परियोजनाओं के तीन दिवसीय अध्ययन दौरे पर,
ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार व क्षेत्रीय विकास पर जोर, सीएसआर और तकनीकी विस्तार पर चर्चा,
झारखंड के लिए संभावनाओं का द्वार खोलना ही मकसद : ढुलू महतो
डीजे न्यूज, धनबाद:
धनबाद लोकसभा क्षेत्र के सांसद और ऊर्जा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के सक्रिय सदस्य ढुलू महतो 28 से 30 जून 2025 तक लेह-लद्दाख में आयोजित तीन दिवसीय अध्ययन दौरे में भाग लिया। इस दौरे का उद्देश्य क्षेत्रीय ऊर्जा परियोजनाओं का भौतिक निरीक्षण कर उनकी कार्यप्रणाली, नवाचार और चुनौतियों को समझना था।
पहले दिन विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार एवं प्रमुख ऊर्जा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ समिति की बैठक हुई, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र की वर्तमान स्थिति, भविष्य की संभावनाएं और टिकाऊ विकास पर व्यापक चर्चा हुई।
सांसद ढुलू महतो ने विशेष रूप से झारखंड जैसे खनिज-समृद्ध राज्य में ऊर्जा संसाधनों के बेहतर उपयोग और सीएसआर फंड के माध्यम से सामाजिक विकास की संभावनाओं को रेखांकित किया।
समिति ने सिंधु नदी पर स्थित निम्मो-बाजगो जलविद्युत परियोजना का भी दौरा किया। यह परियोजना रन-ऑफ-द-रिवर तकनीक पर आधारित है और इसकी स्थापित क्षमता 45 मेगावाट है। परियोजना स्थल पर एनटीपीसी अधिकारियों द्वारा सांसद महतो और समिति के अन्य सदस्यों का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। मौके पर ऊर्जा उत्पादन की तकनीकी प्रक्रिया, पर्यावरणीय प्रभाव और भविष्य की संभावनाओं को लेकर विस्तृत जानकारी साझा की गई। इस दौरान सांसद महतो ने झारखंड जैसे राज्यों में इस प्रकार की परियोजनाओं की संभावनाओं का विशेष अध्ययन करने की आवश्यकता बताई। संयंत्र परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया, जिसमें सांसद ने भाग लेकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
अध्ययन दौरे के क्रम में सांसद ढुलू महतो ने पवित्र गुरुद्वारा पत्थर साहिब में भी दर्शन किए और धनबाद सहित पूरे झारखंडवासियों की सुख-शांति के लिए अरदास की। गुरुद्वारा प्रबंधन समिति एवं स्थानीय सिख समुदाय ने उनका स्नेहपूर्वक स्वागत किया जिससे वे अभिभूत दिखे। इस दौरान समिति के अन्य सदस्यों के साथ चांगला पास और मैग्नेटिक हिल जैसे स्थानों का भी भ्रमण किया गया, जहाँ उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों में ऊर्जा संसाधनों के दोहन और पर्यावरणीय संतुलन के बीच सामंजस्य की आवश्यकता को रेखांकित किया।
सांसद महतो ने इस दौरे को उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताते हुए कहा कि इस अनुभव से न केवल ऊर्जा क्षेत्र की समझ गहरी हुई है, बल्कि झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में ऐसी योजनाओं को लागू करने के लिए ठोस सुझाव भी तैयार किए जा सके हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि समिति द्वारा एकत्रित की गई जानकारियाँ आगामी संसदीय चर्चाओं में ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए आधार का कार्य करेंगी।