भारत में जन्म लेने के लिए देवता भी करते हैं प्रार्थना : शंकराचार्य सदानंद सरस्वती

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भारत में जन्म लेने के लिए देवता भी करते हैं प्रार्थना : शंकराचार्य सदानंद सरस्वती

चाईबासा के ओटार गांव में हुई जगतगुरु शंकराचार्य की ऐतिहासिक धर्म सभा

इसी गांव में कोल-कुड़मी समुदाय के लोगों ने संगठित होकर 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत की थी

डीजे न्यूज, बंदगांव, चाईबासा : शारदा द्वारिका पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी महाराज के आगमन पर बंदगांव प्रखंड के ओटार गांव में भव्य धर्म सभा का आयोजन किया गया। होली के पावन अवसर पर आयोजित इस ऐतिहासिक धार्मिक अनुष्ठान में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। गांव में हरिसंकीर्तन, नाम जाप यज्ञ और सत्संग का आयोजन किया गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।

गांव पहुंचने पर शंकराचार्य महाराज का सैकड़ों महिला-पुरुषों ने फूलों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया और पारंपरिक विधि-विधान से उन्हें मंच तक ले जाया गया।

शंकराचार्य ने दिया धर्म और सत्कर्म का संदेश

धर्मसभा को संबोधित करते हुए जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा,

“कहने मात्र से कोई हिंदू नहीं हो जाता, बल्कि जो अपने पूर्वजों की परंपराओं और शास्त्रों का पालन करता है, वही सच्चा हिंदू होता है।”

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति गौ-भक्ति करता है और पूर्व जन्म पर विश्वास रखता है, वही हिंदू कहलाता है। सत्कर्म करने वालों को अगले जन्म में उत्तम कुल में जन्म मिलता है।

शंकराचार्य महाराज ने भारत की महिमा का बखान करते हुए कहा,

“पुराणों में कहा गया है कि भारत में जन्म लेने के लिए स्वयं देवता भी याचना करते हैं। यह पुण्य भूमि है, जहां गंगा, गौमाता, तुलसी और संत-महात्माओं का वास है। यहां स्त्री, माता-पिता और गुरु की पूजा होती है, जो इसे विशेष बनाता है।”

अंत में उन्होंने सभी के कल्याण, अधर्म के नाश और प्राणियों के विकास की कामना करते हुए आशीर्वाद दिया।

1857 की क्रांति से जुड़े ओटार गांव के गौरवशाली इतिहास को सुना

जगतगुरु शंकराचार्य के आगमन पर वरिष्ठ पत्रकार ऋषिकेश सिंह देव ने उन्हें ओटार गांव के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े योगदान की जानकारी दी।

उन्हें बताया गया कि 1857 के सिपाही विद्रोह के दौरान पोड़ाहाट राजा अर्जुन सिंह ने सितंबर माह में इसी ओटार गांव से अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का ऐलान किया था।

इसी गांव में कोल-कुड़मी समुदाय के लोगों ने संगठित होकर अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत की थी। शंकराचार्य महाराज ने इस गौरवशाली इतिहास को तन्मयता से सुना और आशीर्वाद प्रदान किया।

धर्मसभा के सफल आयोजन में इनका योगदान रहा

इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में सिद्धार्थ शंकर महतो, बसंत महतो, दिनेश महतो, सुरेश चंद्र महतो, दिलीप महतो, नितीश महतो, राहुल महतो, जितेंद्र प्रमाणिक, परमानंद महतो, रघु महाली, राजकिशोर महली, सोना दास, रवि दास, पी. दास, प्रवीण महतो, रिंकू महतो सहित कई अन्य युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति, भक्ति और आध्यात्म से सराबोर रहा ओटार गांव

तेरह जाति समुदाय के इस गांव में भक्ति और आध्यात्म का माहौल बना रहा। हजारों ग्रामीणों ने धर्मसभा में भाग लेकर जगतगुरु शंकराचार्य महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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