आईआईटी (आईएसएम) में राष्ट्रीय सम्मेलन एनसीएमएए–2025 का आगाज़

Advertisements

आईआईटी (आईएसएम) में राष्ट्रीय सम्मेलन एनसीएमएए–2025 का आगाज़

डीजे न्यूज, धनबाद: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स) धनबाद के गणित एवं कम्प्यूटिंग विभाग की ओर से गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन मैथमेटिकल एनालिसिस एंड एप्लीकेशंस का शुभारंभ किया गया। यह तीन दिवसीय सम्मेलन 4 से 6 सितंबर तक गोल्डन जुबली लेक्चर थिएटर में आयोजित किया जा रहा है।

इस अवसर पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु के प्रोफेसर तिर्थंकर भट्टाचार्य, एफएएससी, एफएनए, एफएनएएससी, जेसी बोस फेलो, मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उद्घाटन सत्र में प्रो. एम.के. सिंह, डीन (एकेडमिक), आईआईटी (आईएसएम) धनबाद ने अध्यक्षता की, जबकि गणित एवं कम्प्यूटिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. एस.पी. तिवारी भी मंच पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजक की भूमिका प्रो. अखिलेश प्रसाद ने निभाई, जबकि सह–संयोजक एवं ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी की जिम्मेदारी प्रो. ए. एंटनी सेल्वन ने संभाली।

सम्मेलन का उद्देश्य गणितीय विश्लेषण (मैथमेटिकल एनालिसिस) और इसके विभिन्न उपयोगों से जुड़े शोध और नवीनतम प्रगति पर चर्चा करना है। इसमें देशभर के नामी शोधकर्ता, वैज्ञानिक और युवा स्कॉलर हिस्सा ले रहे हैं।

सम्मेलन के दौरान इंटीग्रल ट्रांसफॉर्म्स, फुरियर एनालिसिस, सोबोलेव स्पेसेज़, एप्रॉक्सिमेशन थ्योरी, वेवलेट एनालिसिस, सिग्नल और इमेज प्रोसेसिंग, प्सूडो–डिफरेंशियल ऑपरेटर, डिस्ट्रीब्यूशन्स और एलिप्टिक इक्वेशन्स जैसे विषयों पर विशेषज्ञ व्याख्यान और चर्चाएँ होंगी।

गणितीय विश्लेषण को गणित की रीढ़ माना जाता है, जिसमें डिफरेंशियल और इंटीग्रल कैल्कुलस, फंक्शनल और हार्मोनिक एनालिसिस, डिफरेंशियल इक्वेशन्स और प्रॉबेबिलिटी थ्योरी जैसी शाखाएँ शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका दायरा विज्ञान, तकनीक और उद्योग के तमाम क्षेत्रों तक फैला हुआ है।

एनसीएमएए–2025 का मकसद शोधकर्ताओं के बीच संवाद बढ़ाना, सहयोग को प्रोत्साहित करना और गणितीय समुदाय को और मजबूत बनाना है, ताकि भविष्य के लिए नए और प्रभावशाली शोध की दिशा तय हो सके।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top