अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की डीइओ से वार्ता, आंदोलन का अल्टीमेटम

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डीजे न्यूज, धनबाद :
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने जिलाध्यक्ष संजय कुमार के नेतृत्व में जिला शिक्षा पदाधिकारी से शिक्षा एवं शिक्षक हित के विभिन्न विषयों पर वार्ता की।
बायोमैट्रिक उपस्थिति के संबंध में संगठन के द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि हम सभी बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के लिए तैयार हैं। विभाग हमे उपस्थिति दर्ज करने हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए। प्रत्येक माह के अनुपस्थिति विवरण के साथ बायोमैट्रिक उपस्थिति का हार्ड कॉपी देने की बाध्यता एवं उसपर होनेवाली खर्च की राशि पर ध्यान दिलाते हुए इससे शिथिल करने की मांग की गई। ज्ञात हो कि सांगठनिक धरना के उपरांत उपायुक्त की उपस्थिति में संघीय प्रतिनिधिमंडल से वार्ता के क्रम में जिला शिक्षा अधीक्षक ने दो माह के लिए इसे प्रायोगिक परीक्षण के तौर पर करने की बात कही गई थी। दो माह का समय समाप्त हो चुका है।
विगत 25 वर्षों से अधिक समय से प्रोन्नति नहीं मिलने का दंश झेल रहे शिक्षक /शिक्षिकाओं को विभिन्न ग्रेडों में लंबित प्रोन्नति पर त्वरित संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया। विभिन्न ग्रेडों में प्रोन्नति हेतु विभागीय स्थापित नियमों के आलोक में ही वरीयता सूची का निर्माण कर इस कार्य को निष्पादित करने की मांग संगठन के द्वारा रखा गया। ज्ञात हो कि प्रोन्नति नहीं होने के कारण पूरा जिला के सभी स्थापना विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन है। साथ ही साथ स्नातक प्रशिक्षित(प्रोन्नति से भरा जानेवाले पद) के भी सारे पद रिक्त हैं। ग्रेड 03 में प्रोन्नति 2010 से मिलना चाहिए क्योंकि 2009 तक ही ग्रेड 03 में प्रोन्नति मिला है। ग्रेड 03 प्रोन्नति की वरीयता सूची में उस समय कार्यरत(वर्तमान में मृत/ सेवानिवृत) सभी शिक्षक/शिक्षिका को शामिल किया जाना चाहिए।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में नई वित्तीय प्रवाह प्रणाली में PFMS पोर्टल के माध्यम से राशि निकासी की व्यवस्था के आलोक में राशि लैप्स होने के लिए उतरदायी प्रखण्ड कार्यक्रम समन्वयक व लेखापाल पर कार्रवाई करने की मांग की गई। ज्ञात हो कि इस विषय पर उपायुक्त एवं उप विकास आयुक्त से भी विषय वस्तु को रखकर उचित जांच करते हुए दोषी कर्मी पर कार्रवाई करने की मांग की जा चुकी है। विभाग के द्वारा दोषी कर्मियों को येन केन प्रकारेन
बचाने हेतु शिक्षकों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। संगठन निर्दोष शिक्षकों पर कार्रवाई होने की स्थिति में आंदोलन करने को बाध्य होगा। किसी स्वतंत्र इकाई से इसकी निष्पक्ष जांच कराया जाय ताकि दूध का दूध और पानी का पानी परिणाम समाज के सामने आ सके।
जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा उपरोक्त सभी बिंदुओं पर सकारात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन प्रतिनिधि मंडल को दिया गया।
प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष संजय कुमार,महासचिव नंदकिशोर सिंह,प्रदेश संयुक्त सचिव अनिल कुमार,राजकुमार वर्मा,अशोक कुमार,संजय कुमार प्रसाद,विजय कुमार, नीरज कुमार मिश्रा व अन्य शामिल थे।

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