
विद्यालयों में संस्थागत तरीके से हीं बदलाव संभव: उपायुक्त
प्रति दिन विद्यालयों में कराएं चेतना सत्र, बच्चों की उपस्थिति में होगी वृद्धि
डीजे न्यूज, धनबाद:
प्रोजेक्ट इंपैक्ट के तहत सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस (जिला स्कूल), बाबुडीह में शुक्रवार को बीआरपी एवं सीआरपी के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि शिक्षा विभाग में बीआरपी एवं सीआरपी का काफी महत्व है। सभी बीआरपी एवं सीआरपी शिक्षा के मूल उद्देश्य से नहीं भटके। आपके सहयोग से ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार संभव है। इस दौरान उपायुक्त ने बीआरपी एवं सीआरपी से एक-एक कर सरकारी विद्यालयों की कमियों की जानकारी प्राप्त की।
उपायुक्त ने कहा कि प्राइवेट विद्यालयों एवं सरकारी विद्यालयों में सिर्फ एक ही अंतर है। वह अंतर है कि प्राइवेट विद्यालयों में पढ़े लिखे परिवार के बच्चे पढ़ते हैं एवं सरकारी विद्यालयों में अशिक्षित परिवार, गरीब परिवार एवं समाज के अंतिम व्यक्ति तक के बच्चे पढ़ाई करते है। इस बात पर हमें गर्व होना चाहिए कि हम वैसे बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, साथ ही उनके परिजन शिक्षित नहीं है। ऐसे घरों में शिक्षा का दीप जलाना अपने आप में गर्व की बात होती है।
उपायुक्त ने कहा कि अक्सर अंग्रेजी मीडियम और हिंदी मीडियम को लेकर काफी चर्चाएं होती है। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में हफ्ते में कम से कम एक दिन सभी शिक्षक अंग्रेजी में बातचीत करें ताकि बच्चों एवं शिक्षकों को भी अंग्रेजी में बात करने की धीरे-धीरे आदत हो। इस दौरान बीआरपी एवं सीआरपी ने विद्यालयों के पीटीएम में पेरेंट्स के नहीं आने की समस्या से उपायुक्त को रूबरू कराया। इस मामले में उपायुक्त ने कहा कि पीटीएम का एसओपी सभी शिक्षक पढ़ें और उसपर अमल करें। पीटीएम के दौरान सभी पेरेंट्स के बच्चों की अलग से चर्चा करें। साथ ही विद्यालय में अच्छा परफॉर्मेंस करने पर बच्चों को पीटीएम के दौरान सम्मानित भी करें। इसके अलावा पेरेंट्स को भी मोबिलाइज करें तभी पीटीएम में पेरेंट्स की उपस्थिति में वृद्धि हो सकेगी।
उपायुक्त ने सभी बीआरपी एवं सीआरपी से कहा कि विद्यालयों में जांच के मकसद से न जाए बल्कि सुधार करने के उद्देश्य से जाएं। विद्यालयों में कमियों का नहीं बल्कि मेहनत का आकलन सुनिश्चित करें तभी बदलाव संभव है। बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन और एक अच्छे इंसान बनाने की दिशा में कार्य करें। विद्यालयों की व्यवस्था को सुधारने में किसी एक व्यक्ति का कार्य नहीं है। इसके लिए आवश्यकता है संस्थागत तरीके से आप अपने-अपने विद्यालयों में बदलाव सुनिश्चित करें। इसके लिए अलग-अलग हाउस का गठन करें, इको क्लब का गठन करें एवं बेहतर मैनेजमेंट के साथ विद्यालय का संचालन सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों के रहन-सहन, अनुशासन तभी बेहतर होंगे जब शिक्षक भी उसका पालन करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिदिन चेतना सत्र अवश्य कराएं ताकि बच्चों में इसकी चर्चा हो और बच्चों की उपस्थिति की प्रतिशत में वृद्धि हो। हम सभी मिलकर विद्यालयों को सुधारेंगे। सभी स्कूल सीएम स्कूल आफ एक्सीलेंस जैसा हो यह हमारी प्राथमिकता होगी इसके लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।
मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा, जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार सभी बीआरपी एवं सीआरपी तथा डीएमएफटी टीम मौजूद रहें।