
प्राथमिकता के साथ करें आयुष्मान योजना के मरीजों का इलाज: एडीएम
डीजे न्यूज, धनबाद: डॉक्टर को लोग भगवान मानते हैं। इसलिए आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध सभी अस्पताल ऐसे मरीजों का प्राथमिकता देकर इलाज करें। इलाज में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, यह भी सुनिश्चित करें। सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अच्छा इलाज प्रदान कराने के लिए यह योजना लागू की है। यह बातें एडीएम लॉ एंड ऑर्डर पीयूष सिन्हा ने बुधवार को समाहरणालय में आयुष्मान भारत योजना को लेकर आयोजित डिस्ट्रिक्ट ग्रीवांस रिड्रेसल सेल (डी.जी.आर.सी.) की बैठक में विभिन्न अस्पतालों के प्रबंधनों से कही। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एडीएम ने कहा कि इस योजना में सूचीबद्ध अस्पताल किसी मरीज के इलाज करने से हाथ पीछे नहीं खींच सकते। उनके पास मरीज का इलाज करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसलिए अस्पताल में जो भी मरीज आएं, उन्हें भर्ती करें। योजना के प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज करें। बैठक में आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के विभिन्न अस्पताल व नर्सिंग होम द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों पर आयुष्मान योजना की नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट (एन.ए.एफ.यू.) की जताई गई आपत्ति की समीक्षा की गई। साथ ही डी.जी.आर.सी. ने अस्पताल प्रबंधन का पक्ष सुना।
बैठक पूरी करने से पहले एडीएम ने सभी अस्पताल प्रबंधनों से कहा कि जिस अस्पताल का भुगतान लंबित है वे एक सप्ताह के अंदर सभी दस्तावेजों के साथ भुगतान का दावा सिविल सर्जन कार्यालय में समर्पित करें। दस्तावेजों की जांच करके डी.जी.आर.सी. की अगली बैठक में दावों को स्वीकार या अस्वीकार किया जाएगा। बैठक में एडीएम के अलावा सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन, जिला समन्वयक (आयुष्मान) निशांत राज, सदर अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ अब्दुल आजाद, आयुष्मान योजना के नोडल डॉ सरबजीत सिंह, पाटलीपुत्र नर्सिंग होम के डॉ निर्मल ड्रोलिया, अशर्फी होस्पिटल के हरेन्द्र सिंह, एएसजी आइ हॉस्पिटल के आशिष रंजन के अलावा एशियन द्वारिकादास जालान सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, सनराइज हॉस्पिटल, सर्वमंगला नर्सिंग होम, अविनाश हॉस्पिटल, झारखंड डायबिटिक एंड आइ सेंटर, लाइफ लाइन हॉस्पिटल, पूजा नर्सिंग होम तथा अन्य होस्पिटल के प्रतिनिधि मौजूद थे।