



नगर निगम में शामिल 27 गांव का मामला विधानसभा में गूंजा

विधायक रागिनी ने कहा-संरचना, घरों का ढांचा और रहन–सहन सब कुछ गांव जैसा, फिर निगम का बोझ क्यों?
डीजे न्यूज, धनबाद: एक लंबे अर्से के बाद पंचायतों को नगर निगम में शामिल करने का मामला फिर से गरमा गया है। इस मुद्दे को झरिया से भाजपा विधायक रागिनी सिंह ने गुरुवार को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में उठाया है। विधायक रागिनी ने झरिया विधानसभा के जीतपुर, डुमरी, भूतगड़िया, सिरगुज्जा, कपुरगढ़ा,पैरों, गौरखुटी, मोहलबनी, जोड़ापोखर, जामाडोबा, परघाबाद और नुनुडीह जैसे पूरी तरह ग्रामीण इलाके को बिना सही जाँच के नगर निगम में जोड़ दिए गए हैं।
ये सभी गाँव आज भी पूरी तरह ग्रामीण माहौल वाले हैं। यहाँ की संरचना, घरों का ढांचा और रहन–सहन सब कुछ गांव जैसा ही है, लेकिन इन्हें शहर में शामिल कर दिया गया, जो सीमा निर्धारण की स्पष्ट गलती प्रमाण करती है और शामिल किए जाने के बाद भी उन्हें सड़क, नाली व अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है ।
विधायक रागिनी ने स्पष्ट मांग रखी कि इन ग्रामीण क्षेत्रों को फिर से ग्रामीण विकास विभाग में लाया जाए। किसी भी स्थान का दर्जा तय करने से पहले उसकी जमीनी स्थिति की सीधी जाँच होनी चाहिए, न कि सिर्फ कागज़ों के आधार पर निर्णय।
इसी के लिए इन ग्रामीण क्षेत्रों की अलग से सूची बनाकर सही तरीके से जांच की जाए और उन्हें पुनः ग्रामीण दर्जा भी आवश्यक रूप से बहाल की जाए।
मालूम हो कि नगर निगम में शामिल धनबाद जिला के उक्त गांवों के अलावा अन्य विधानसभा के ग्रामीण इलाकों के लोगों ने जोरदार आंदोलन चलाया था। इसके बावजूद अब तक ग्रामीणों की यह मांग पूरी नहीं हो पाई है।
