नेशनल लोक अदालत, रेकॉर्ड   2 अरब 14 करोड  99 लाख 31 हजार 42 रूपए की  रिकवरी, तीन लाख 69 हजार 322 विवादों का  निपटारा

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नेशनल लोक अदालत, रेकॉर्ड   2 अरब 14 करोड  99 लाख 31 हजार 42 रूपए की  रिकवरी,

तीन लाख 69 हजार 322 विवादों का  निपटारा

डीजे न्यूज, धनबाद : नालसा के निर्देश पर नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को झारखंड के मुख्य न्यायाधीश त्रलोक सिंह चौहान ने रांची से ऑनलाइन किया । धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी ने इस मौके पर धनबाद मे आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नेशनल लोक अदालत अब परिचय का मोहताज नहीं रह गया है। वह लोगों के स्वाद व आदत में शामिल हो चुका है। नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है। नवम्बर 2013 से पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन हर तीन माह मे किया जा रहा है।हमारा संविधान हर लोगों को सामाजिक , आर्थिक एवं सस्ता सुलभ न्याय की गारंटी देता है । उन्होंने कहा कि बिना प्रशासनिक सहयोग के हम समाज तक न्याय नहीं पहुंचा सकते। लोक अदालत में महीनों कोर्ट का चक्कर लगाने और पैसे की बर्बादी से बचा जा सकता है ।इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है. साथ ही प्रेम और सौहार्द आपस में फिर से बन जाता है। लोगों में प्रेम ,शाति ,समृद्धि और समरसता बनी रहे यही इस लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है । डीडीसी धनबाद सादात अनवर ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं। जिला प्रशासन हर वक्त समाज के लोगों की सेवा में डालसा के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रहा है। धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधेश्याम गोस्वामी ने कहा कि डालसा आम लोगों के हित मे लगातार काम कर रहा है ।  एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है।

तीन लाख 69 हजार 322 विवादों का निपटारा
अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार मयंक तुषार  टोपनो  ने बताया कि विवादों एवं मुकदमो के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 13 बेंच का गठन किया गया था । जिनके द्वारा  विभिन्न तरह के  तीन लाख 69 हजार 322 विवादों का निपटारा कर  2 अरब 14 करोड 99 लाख 31 हजार  42 रूपए की रिकवरी की गई। जिसमें 38 हजार 563 ऐसे मुकदमे थे जो विभिन्न अदालतों में लंबित थे । वहीं 3 लाख 30 हजार 759  प्री लिटिगेशन के रेकॉर्ड मामले निष्पादित हुए
उन्होंने सभी वादकारी, न्यायिक पदाधिकारियों विभाग के अधिकारियों एवं बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का सहयोग के लिए आभार प्रकट किया ।

मौजूद थे न्यायाधीश
न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुभाष, लेबर जज रमाकांत मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी, पारस कुमार सिन्हा, विजय कुमार श्रीवास्तव, कुमाार साकेत, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला , अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पी एस घोष, सिविल जज एंजेलिना जॉन,  राजीव कुमार सिंह ,अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिजीत पांडे, रेलवे मजिस्ट्रेट मनोज कुमार, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि कुमार,  रजिस्ट्रार आइ ज़ेड खान,  डीडीसी सादात अनवर, एसबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक  मीनाक्षी, एलडीएम अमित कुमार, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष पीयूष कुमार, सर्टिफिकेट ऑफिसर रवींद्रनाथ ठाकुर, जिला उपभोक्ता फोरम की सदस्य शिप्रा, डालसा के पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की टीम, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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