




महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पूर्वी टुंडी के 15 मजदूरों को बंधक बना कर गन्ना के खेतों में जबरन कराया जा रहा काम
दो मजदूर भागकर लौटे गांव और सुनाई आपबीती, फंसे 13 साथियों को मुक्त कराने की गुहार
डीजे न्यूज, पूर्वी टुंडी, धनबाद : महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पूर्वी टुंडी के एक दर्जन से अधिक महिला-पुरुष मजदूरों को बंधक बनाकर गन्ना के खेत में उनसे कड़ी मजदूरी करवाई जा रही है। मजदूर वहां से घर वापसी के लिए कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन पर पहरेदारी इतनी सख्त है कि वे वहां से अपनी मर्जी से कहीं जा भी नहीं सकते। बिना मजदूरी के सिर्फ खाना खिलाकर कड़ी मेहनत करवाई जा रही है।

7 नवम्बर की रात लगभग एक बजे अंधेरे का फायदा उठाकर उनके चंगुल से भाग निकले मजदूर पूर्वी टुंडी के कोलडीह चेपकिया निवासी अनिल रविदास व बलियापुर के सुरुंगा निवासी सुधीर दास में से अनिल ने आपबीती सुनाई। उसने बताया कि कोलडीह के अनिल कोल ने विगत 6 अक्टूबर को महाराष्ट्र के किसी फैक्ट्री में काम दिलाने की बात कहकर पूर्वी टुंडी के विभिन्न गांवों से कुल 15 लोगों को लेकर गया था। अनिल कोल ने मजदूरों को 500 से 700 रु तक मजदूरी दिलाने की भी बात कही थी। लगभग महाराष्ट्र पहुंचकर उसने किसी दूसरे आदमी को दिखाकर सभी को जाने के लिए कहकर वहां से निकल पड़ा। उक्त अनजान आदमी द्वारा सभी मजदूरों को कोल्हापुर के हमीदवाडा़ के किसी बिहड़ स्थान पर ले जाया गया। जहां सिर्फ गन्ने के ही खेत नजर आ रहा था। डरा-धमकाकर वहां सभी से कड़ी निगरानी के बीच गन्ना कटाई का काम करवाया जाने लगा और मैदान में बने टेंट पर रहने सोने के लिए जगह दिया गया। अनिल रवि दास ने बताया कि वहां किसी अभिमन्यु मुकुंद वाघमारे और अन्य कई लोगों द्वारा कड़ी निगरानी रखा जाने लगा। राशन पानी का इंतजाम वही करता था लेकिन खाना खुद से ही बनाना पड़ता था।फोन पर भी ज्यादा बात नहीं करने दिया जा रहा था। बावजूद लुक छिपकर घरवालों से फंसे होने की जानकारी दी। इधर 6 नवम्बर को मजदूरी का भुगतान मिलने की उम्मीद थी। जब पैसे नहीं मिले तो 7 नवम्बर की रात को वहां से भाग निकला।

इधर अनिल और सुधीर के भाग निकलने के बाद उनके अन्य साथियों ने जानकारी दी है कि उक्त ठेकेदार द्वारा टेंट के आसपास और लाईट लगा दी गई है तथा सभी को डराया धमकाया जा रहा है। फंसे हुए 13 साथी भी वहां के चंगुल से निकलना चाह रहे हैं। उन सभी मजदूरों ने प्रशासन से घर वापसी करवाने की मांग की है।
बंधक बने हुए मजदूरों के नाम
नाजीर हेम्ब्रम, बिजली हेम्ब्रम (पति-पत्नी –कुरकुटांड़), विश्वनाथ कोल(कोलडीह), रंजीत कोल(कोलडीह),मोहन कोल(बेनागोडि़या), श्रीमती टुडू (मोहलीडीह), गुड़िया देवी (कोलडीह), कल्याणी कर्मकार(कुरकुटांड़),फूलचंद राजभर(हातसारा)
छातामुनी मुर्मू (मोहलीडीह),कालीमुनी मुर्मू (मोहलीडीह), सोनाती मुर्मू (मोहलीडीह)