खोरठा साहित्यकार विनय तिवारी ‘झारखंड प्रहरी सम्मान’ से सम्मानित 

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खोरठा साहित्यकार विनय तिवारी ‘झारखंड प्रहरी सम्मान’ से सम्मानित 

डीजे न्यूज, बोकारो : खोरठा साहित्यकार, गीतकार, फिल्म लेखक और निर्देशक विनय तिवारी को उनकी उल्लेखनीय साहित्यिक और सांस्कृतिक योगदान के लिए ‘झारखंड प्रहरी सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें जर्मनी के केल यूनिवर्सिटी की रिसर्च स्कॉलर डॉ. नेत्रा पी. पोडियाल के हाथों दिया गया।

यह सम्मान समारोह पूर्व सरपंच सुरेश जायसवाल की पुण्यतिथि पर आयोजित ‘प्रहरी मेला’ की रजत जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में झारखंडी भाषाओं के साहित्यकारों और कलाकारों को समर्पित विभिन्न सम्मान प्रदान किए गए।

मुख्य अतिथि के रूप में कसमार की प्रखंड प्रमुख नियोति कुमारी, विशिष्ट अतिथि भजन लाल महतो (थाना प्रभारी, कसमार) और पूर्व विधायक गोमिया डॉ. लंबोदर महतो उपस्थित थे। साथ ही पत्रकार एवं लेखक दीपक सवाल, प्रहरी मेला समिति के संयोजक अशोक कुमार सिंह, पंकज कुमार जयसवाल, व्यवस्थापक रामसेवक जायसवाल और अध्यक्ष घनश्याम महतो ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

विनय तिवारी का योगदान

विनय तिवारी पिछले तीन दशकों से खोरठा भाषा के संरक्षण, संवर्द्धन और प्रचार-प्रसार में सक्रिय हैं। उन्होंने हजारों खोरठा और नागपुरी गीत लिखे हैं, जिन्हें झारखंड के प्रसिद्ध लोक गायकों के साथ-साथ कुमार सानू, उदित नारायण, सपना अवस्थी, अनूप जलोटा जैसे बॉलीवुड के प्रतिष्ठित गायकों ने अपनी आवाज दी है।

उनकी रचनाएं झारखंड के विभिन्न खोरठा पाठ्यक्रमों में पढ़ाई जाती हैं और उन पर शोध भी किए जा चुके हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर उनके गीत और वार्ताएं नियमित रूप से प्रसारित होती हैं।

खोरठा भाषा के संरक्षण में अहम भूमिका

विनय तिवारी ने न केवल खोरठा बल्कि विलुप्तप्रायः बिरहोर भाषा के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण कार्य किया है। वे भित्तिचित्रों के माध्यम से इन भाषाओं को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा ने ‘मिट टू आर्टिस्ट’ कार्यक्रम के तहत उनके गांव रोवाम पहुँचकर उनका साक्षात्कार किया था।

इस सम्मान पर उन्हें समाजसेवी कृष्ण कुमार तिवारी, मनोज तिवारी, डॉ. अजय तिवारी, झामुमो नेता के.के. तिवारी सहित अनेक गणमान्य लोगों ने बधाई दी।

विनय तिवारी का यह सम्मान झारखंड की लोकभाषाओं के संरक्षण और विकास के प्रति उनके अथक प्रयासों का प्रमाण है।

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