
झारखंड में संवैधानिक संस्थाओं की निष्क्रियता को लेकर आंदोलन करे भाजपा
सिविल सोसाइटी ने भाजपा को खुला पत्र लिखकर किया आग्रह
डीजे न्यूज, गिरिडीह :
झारखंड में बढ़ती अफसरशाही, अराजकता और संवैधानिक संस्थाओं की निष्क्रियता को लेकर सिविल सोसाइटी गिरिडीह ने भारतीय जनता पार्टी, झारखंड प्रदेश नेतृत्व को एक खुला पत्र जारी कर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर कड़ी आपत्ति जताई है। पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य में लोकतांत्रिक संस्थानों को जानबूझकर पंगु बना दिया गया है, जिससे आम जनता न्याय की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर है।
पत्र में उठाए गए प्रमुख बिंदु
सिविल सोसाइटी के महासचिव मो. तारिक द्वारा जारी इस पत्र में बताया गया है कि निम्नलिखित संवैधानिक संस्थाएं वर्षों से निष्क्रिय हैं
झारखंड राज्य सूचना आयोग
झारखंड राज्य मानवाधिकार आयोग
झारखंड राज्य महिला आयोग
लोकायुक्त कार्यालय
मुख्यमंत्री जन संवाद केंद्र
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इन संस्थाओं में नियुक्ति को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा लगातार सरकार पर दबाव बनाया जाता रहा है, बावजूद इसके सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
न्यायालय के आदेशों की हो रही अवहेलना
सिविल सोसाइटी ने पत्र में न्यायपालिका की अवमानना की ओर भी इशारा किया है। सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाईकोर्ट द्वारा इन नियुक्तियों को लेकर कई बार निर्देश दिए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से वर्षों से इन आदेशों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
अब जबकि नेता प्रतिपक्ष का चयन हुए तीन माह बीत चुके हैं, फिर भी नियुक्ति प्रक्रिया ठप पड़ी है, जो सरकार की कथनी और करनी में भारी अंतर को दर्शाता है।
आंदोलन की चेतावनी
सिविल सोसाइटी ने भाजपा नेतृत्व से आग्रह किया है कि वह अब इन मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरकर चरणबद्ध राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करे। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष में सिविल सोसाइटी और आम जनता भारतीय जनता पार्टी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी।
भाजपा से शीघ्र पहल की अपील
पत्र के अंत में मो. तारिक ने आशा व्यक्त की है कि भाजपा इस गंभीर और जनहितकारी मुद्दे को गंभीरता से लेगी और राज्य सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ एक सशक्त लोकतांत्रिक आंदोलन की शुरुआत करेगी।