



झारखंड में भाजपा का स्वास्थ्य कैसे सुधारेंगे स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा

विधानसभा चुनाव में पिट चुकी है पार्टी की भद, संगठन चुनाव की निकल चुकी हवा
सियासी अटकलों के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आज से दो दिन के झारखंड दौरे पर

दिलीप सिन्हा, प्रधान संवाददाता, देवभूमि झारखंड न्यूज़, धनबाद :
भाजपा और झामुमो के बीच सियासी दोस्ती की अटकलों के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. जे.पी. नड्डा शुक्रवार से दो दिन के झारखंड दौरे पर पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं, विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी शुक्रवार से शुरू हो रहा है। ऐसे में झारखंड के भाजपा कार्यकर्ता एवं शुभचिंतक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. जे.पी. नड्डा से यह सवाल पूछ रहे हैं कि साहब, झारखंड में भाजपा परिवार और उसका स्वास्थ्य कैसे सुधरेगा?
2024 के विधानसभा चुनाव एवं घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में पार्टी की बुरी स्थिति सामने आ चुकी है। साथ ही संगठन चुनाव की भी हवा निकल चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष तो छोड़िए, पार्टी जिलाध्यक्ष व मंडल अध्यक्ष तक नहीं चुन पा रही है। “एक व्यक्ति, एक पद” की पक्षधर भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष—दोनों ही पद एक ही व्यक्ति बाबूलाल मरांडी के पास हैं।
कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाजपा के चार-चार पूर्व मुख्यमंत्री — बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, अर्जुन मुंडा एवं चंपई सोरेन — के सहारे अब झारखंड में वापसी संभव नहीं है। पार्टी इन दिग्गज नेताओं, जिनमें अधिकांश साठ वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं, के विकल्प के तौर पर दूसरी पंक्ति का नेतृत्व तैयार नहीं कर सकी है। ऐसे में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नड्डा साहब के पास ऐसी कौन-सी दवा है, जिससे वह झारखंड में भाजपा की सेहत ठीक कर सकें—यह बड़ा सवाल है।
जेपी नड्डा शुक्रवार की शाम देवघर पहुंचने के बाद सर्किट हाउस में प्रदेश भाजपा कोर कमेटी के साथ बैठक करेंगे, जहां झारखंड में भाजपा की सेहत कैसे बेहतर हो-इस पर जरूर मंथन होगा। दूसरे दिन शनिवार की सुबह बाबा धाम में पूजा करने के बाद जेपी नड्डा भाजपा के नवनिर्मित जिला कार्यालय का उद्घाटन करेंगे और फिर संथाल परगना एवं उत्तरी छोटानागपुर के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
संथाल परगना में मुश्किल से खुला खाता
जेपी नड्डा साहब दो दिन संथाल परगना के देवघर में प्रवास करेंगे, जबकि यहां भाजपा की स्थिति बेहद कमजोर रही है। विधानसभा चुनाव में संथाल परगना की 18 सीटों में से भाजपा मुश्किल से अपना खाता खोल पाई थी। भाजपा मात्र एक सीट जीत सकी थी, जबकि शेष 17 सीटों पर झामुमो एवं उसके सहयोगियों ने कब्ज़ा किया था — झामुमो 11, कांग्रेस 4 और राजद 2 सीटें।
झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से भाजपा केवल 20 सीटें हासिल कर सकी थी। वहीं उसकी सहयोगी पार्टियों — जदयू, आजसू और लोजपा — ने एक-एक सीट जीती थी। दूसरी ओर झामुमो ने अपने सहयोगियों के साथ 56 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। ऐसी स्थिति में झारखंड में भाजपा की सेहत सुधारने के लिए स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को कड़वी दवा देनी ही होगी।
