

जानिए कैसे प्रशांत किशोर बिहार को बनाएंगे रोजगार देने वाला राज्य
जनता ने मौका दिया तो हर प्रखंड में नेतरहाट जैसे पांच मॉडल स्कूल खाेले जाएंगे
मुजफ्फरपुर में प्रबुद्ध लोगों से संवाद में भाजपा-जदयू और राजद पर जमकर बरसे जनसुराज के सूत्रधार पीके कुमार दिव्यांग
मुजफ्फरपुर, देवभूमि झारखंड न्यूज : बिहार की समृद्धि पुराने काल में भी ज्ञान आधारित अर्थ व्यवस्था पर टिकी थी। उसी व्सवस्था का अनुपालन करते हुए जन सुराज सत्ता में आने पर बिहार की खुशहाली का नया अध्याय लिखेगी। इसके लिए हर प्रखंड में नेतरहाट और सिमुलत्तला जैसे आवासीय विद्यालय खोलने होंगे। तब तक के लिए हर तबके के बच्चों का नामांकन निजी स्कूलों में कराते हुए उनकी प्राथमिक पढ़ाई का खर्च सरकार उठाएगी। शनिवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पीएंडटी चौक स्थिति एक निजी रिजॉर्ट में प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठक करते हुए कही।
प्रशांत किशोर ने बिहार की वर्तमान बदहाली की ठीकरा पिछले 30-35 सालों की सरकार पर फोड़ा। कहा कि वर्तमान सरकार हिन्दू-मुस्लिम कर आपके वोटों को हथियाने में लगी रही है। साथ ही लालू के जंगल राज से डराते हुए लगातार सत्ता में बनी हुई है। तो इसके पहले की सरकार ने मुस्लिमों को भी हिन्दुओं का डर दिखाकर उनको केवल वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। इससे आज प्रदेश में मुस्लिमों की स्थिति दलितों के बाद सर्वाधिक खराब है। आज भी वे लालू यादव के फैलाए बीजेपी के डर वाले भ्रम जाल में फंस कर राजद को वोट करने में लगे हैं। इससे किसी का भला नहीं हो रहा है।
कहा कि बिहार की 70 प्रतिशत जनसंख्या आज भी खेती पर निर्भर पर है। लेकिन खेती केवल उनके खाने की आदत को पूरा करने के लिए है। उसकी आर्थिक ताकत का उपयोग बहुत ही सीमित मात्रा में हो रहा है। सरकार में आने पर वे खेती को खाने की जगह कमाने का जरिया बनानेवाली योजनाओं से जोड़ने का प्रयास करेंगे। इसके करीब एक दशक तक का समय लग सकता है, क्योंकि स्थिति काफी खराब हो चुकी है। स्थिति सुधारने के लिए वे मनरेगा जैसी योजना को कृषि से जोड़ेंगे, ताकि किसानों की मजदूरी पर आनेवाला खर्च शून्य हो सके। वहीं इससे मजदूरों को घर बैठे सालों भर काम मिलता रहेगा। ऐसा करने से बिहार से ना केवल पलायन रूकेगा, बल्कि पलायन की स्थिति बदल जाएगी। इससे बिहार रोजगार देने वाले राज्यों में शुमार हो
