
जामताड़ा खो-खो एसोसिएशन विवाद : पूर्व कमेटी ने नई कमेटी को बताया अमान्य, लगाए गंभीर आरोप
डीजे न्यूज, जामताड़ा : जामताड़ा जिला खो-खो एसोसिएशन में नेतृत्व को लेकर गहरा विवाद सामने आया है। वर्ष 2023-2027 तक की पूर्व कमेटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हाल ही में गठित नई कमेटी को पूरी तरह अमान्य ठहराते हुए वर्तमान अध्यक्ष डीडी भंडारी पर पद के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व कमेटी को बिना भंग किए मनमाने तरीके से नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जो नियमों और संविधान के खिलाफ है।
जिला खो-खो एसोसिएशन के सचिव विपिन दुबे ने गुरुवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 22 जुलाई को घोषित की गई नई जिला कमेटी अवैध है, क्योंकि पूर्व की वैध कमेटी वर्ष 2023 से 2027 तक कार्यरत है और उसे भंग करने की कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष डीडी भंडारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए व्यक्तिगत हित में नई कमेटी का गठन कर दिया, जो खेल और खिलाड़ियों दोनों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
विपिन दुबे ने कई बिंदुओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा
जब पूर्व कमेटी का लेटरहेड और लोगो पहले से मौजूद था, तो नई कमेटी बनाने से पहले उसे क्यों बदला गया?
पहले से पुराना ईमेल आईडी होने के बावजूद नया ईमेल क्यों बनाया गया?
पुराना व्हाट्सएप ग्रुप रहते हुए 14 महीने पहले नया ग्रुप क्यों बनाया गया?
कमेटी को भंग करने की प्रक्रिया में कौन-कौन पदाधिकारी मौजूद थे? और किसकी सहमति से नई कमेटी बनी, इसका विवरण अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?
जब नई कमेटी का गठन नहीं हुआ था, तब दो सिलेक्शन ट्रायल कैंप में अध्यक्ष कौन और कैसे बने?
नए लेटरहेड का इस्तेमाल क्यों किया गया और उसमें अध्यक्ष का मोबाइल नंबर क्यों नहीं अंकित किया गया?
अध्यक्ष डी.डी. भंडारी, जो जामताड़ा जिला ओलंपिक एसोसिएशन की वाद-विवाद एवं अपील कमेटी के चेयरमैन हैं, ने आखिर क्यों खो-खो के नियमों और संविधान को दरकिनार किया?
पूर्व कमेटी ने स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी और खेल के संविधान के अनुरूप कार्रवाई की मांग करेगी।
मौके पर उपस्थित प्रमुख लोग:
मुख्य संरक्षक – चंडी चरण दे,
संरक्षक – विनय सिंह,
सचिव – विपिन दुबे,
संयुक्त सचिव – सुकुमार मंडल, अभिषेक तिवारी, परिणीता सिंह,
कार्यकारिणी सदस्य – सूरज कुमार पासवान, सोनू मल्लिक, मोहम्मद शाहबाज, दीपक दुबे।
पूर्व कमेटी ने यह भी दोहराया कि वे पिछले 16 वर्षों से जिले में खो-खो खेल को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं, और खेल भावना के खिलाफ किसी भी कदम को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।