धनबाद में तालाबों की संख्या 7500 से घटकर 4500 कैसे हो गई : राज सिन्हा 

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धनबाद में तालाबों की संख्या 7500 से घटकर 4500 कैसे हो गई : राज सिन्हा 

धनबाद विधायक राज सिन्हा ने विधानसभा में तालाब अतिक्रमण और मिशन वात्सल्य योजना का मुद्दा उठाया

डीजे न्यूज, धनबाद, रांची : झारखंड विधानसभा में धनबाद विधायक राज सिन्हा ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से धनबाद विधानसभा क्षेत्र में तालाबों की घटती संख्या और अतिक्रमण के कारण भूगर्भ जलस्तर में हो रही कमी का गंभीर मामला उठाया।

तालाबों की संख्या में कमी पर जताई चिंता

धनबाद विधायक ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग से प्रश्न करते हुए कहा कि वर्ष 2015 में धनबाद विधानसभा क्षेत्र, प्रखंड, अंचल और नगर निगम क्षेत्रों में 7500 से अधिक तालाब थे, जिनका उपयोग स्थानीय लोग दैनिक कार्यों के लिए करते थे। उन्होंने पूछा कि क्या वर्तमान में तालाबों की संख्या घटकर 4500 रह गई है और अतिक्रमण के कारण भूगर्भ जल स्तर में अप्रत्याशित कमी हो रही है?

 

 सिन्हा ने सदन में कहा कि,

“तालाबों का अतिक्रमण एक गंभीर चिंता का विषय है। प्रशासन को इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए। अतिक्रमित तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराना, नए तालाबों का निर्माण और जीर्णोद्धार किया जाना आवश्यक है।”

मिशन वात्सल्य योजना के तहत संविदा कर्मियों के मानदेय का मुद्दा

 विधायक राज सिन्हा ने अल्पसूचित प्रश्न के अंतर्गत झारखंड में केंद्र प्रायोजित मिशन वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन की स्थिति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या राज्य सरकार इस योजना के तहत बाल संरक्षण, लैंगिक अपराधों से बचाव, और हिंसा से पीड़ित बच्चों को कानूनी प्रक्रिया के दौरान सहायता एवं अनुकूल वातावरण उपलब्ध करा रही है?

संविदा कर्मियों को मानदेय भुगतान में देरी पर सवाल

सिन्हा ने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से लागू इस योजना में संविदा कर्मियों को एक वर्ष से मानदेय नहीं दिया गया है। उन्होंने मांग की कि सरकार अविलंब मानदेय का भुगतान सुनिश्चित करे।

इसके अलावा, उन्होंने सदन को बताया कि संविदा कर्मियों के मानदेय में 30% वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें बढ़ा हुआ मानदेय नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने मानदेय वृद्धि के अनुसार जल्द भुगतान की मांग की।

धनबाद विधायक ने सरकार से आग्रह किया कि वह इन महत्वपूर्ण जनहित मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई करे और संविदा कर्मियों को उनका हक दिलाए।

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