
चितरा कोल परियोजना : डंपर और हाइवा विवाद को सुलझाने के लिए एक सप्ताह की मोहलत
प्रबंधन और यूनियन के बीच फिर होगी बैठक
डीजे न्यूज, जामताड़ा : जामताड़ा की चितरा कोल परियोजना में डंपर और हाईवा वाहनों के संचालन को लेकर चल रही खींचतान के समाधान के लिए गुरुवार को जिला प्रशासन, चितरा प्रबंधन, ट्रांसपोर्टर और डंपर यूनियन के बीच नगर भवन दुलाडीह में अहम बैठक हुई। हालांकि तत्काल कोई सर्वसम्मति नहीं बन पाई, लेकिन सभी पक्षों ने एक सप्ताह के भीतर समाधान निकालने पर सहमति जताई।
बैठक की अध्यक्षता एसडीएम अनंत कुमार ने की, जिसमें चितरा महाप्रबंधक अशोक कुमार आनंद, एसडीपीओ विकास आनंद लगोरी, डीटीओ मनोज कुमार, नाल बीडीओ मनोज महतो, जामताड़ा थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह, नाला इंस्पेक्टर, ईसीएल सिक्योरिटी इंचार्ज रूपेश मिश्रा, ट्रांसपोर्टर प्रतिनिधि एवं डंपर यूनियन के संरक्षक वीरेंद्र मंडल समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में डंपर यूनियन के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पहले डंपरों को काम पर लगाया जाए, उसके बाद हाईवा के संचालन पर विचार किया जाए। वहीं प्रबंधन की ओर से डंपर के साथ-साथ 5 हाईवा को भी समान रूप से लोडिंग में लगाने की मांग की गई। एसडीएम अनंत कुमार ने दोनों पक्षों को संतुलन में लाने की कोशिश की और सुझाव दिया कि शुरुआत में दोनों प्रकार के वाहनों को चलने दिया जाए और भविष्य में आवश्यकतानुसार हाइवा की संख्या बढ़ाई जा सकती है लेकिन इस पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पाई।
चार दिन बनाम एक सप्ताह की समय सीमा
प्रबंधन ने इस गतिरोध को सुलझाने के लिए यूनियन को चार दिन का समय दिया, जबकि यूनियन की ओर से वीरेंद्र मंडल ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर इस मसले का निष्पादन कर लिया जाएगा। इसके बाद पुनः सभी पक्षों की बैठक होगी, जिसमें डंपर और हाईवा की दरों को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
महाप्रबंधक अशोक कुमार आनंद ने कहा कि 12 जुलाई को हुई पिछली बैठक में लिए गए निर्णय पर यूनियन की आपत्ति के कारण यह ताजा बैठक बुलाई गई थी, लेकिन यह भी बिना नतीजे समाप्त हो गई। प्रशासन द्वारा डंपर के साथ पांच हाईवा को संचालन की अनुमति देने की सिफारिश की गई थी, लेकिन उस पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी।
यूनियन का पक्ष
संरक्षक वीरेंद्र मंडल ने कहा कि बैठक में सभी पक्षों की बातों पर गंभीरता से विचार हुआ है और आपसी सहमति से तय किया गया है कि डंपर और हाईवा के बीच सामंजस्य स्थापित करने हेतु एक सप्ताह का समय दिया जाए। इसके भीतर समाधान निकालकर स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक में बड़ी संख्या में डंपर यूनियन के सदस्य भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने अधिकारों और रोजगार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की। अब सभी की निगाहें एक सप्ताह बाद होने वाली निर्णायक बैठक पर टिकी हैं।