कानून का सही क्रियान्वयन ही रोक सकता है महिला हिंसा : प्रधान जिला जज 

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कानून का सही क्रियान्वयन ही रोक सकता है महिला हिंसा : प्रधान जिला जज 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गुरुवार को जिला अधिवक्ता संघ भवन में महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रधान जिला जज अरविंद कुमार पांडेय, जिला जज छ, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय, महासचिव चुन्नुकांत समेत कई वरिष्ठ अधिकारी और अधिवक्ता शामिल हुए।

 

कानून का सही क्रियान्वयन ही रोक सकता है महिला हिंसा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला जज अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार ने कई कानून बनाए हैं। लेकिन इनका सही और सख्त क्रियान्वयन होना जरूरी है, तभी महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है।

पॉक्सो एक्ट से लेकर विक्टिम कंपंसेशन स्कीम पर हुई चर्चा

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध चिंता का विषय हैं। उन्होंने पॉक्सो एक्ट की चर्चा करते हुए बताया कि यह कानून नाबालिग लड़कियों के खिलाफ अपराध करने वालों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करता है। इसी तरह, महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर भी सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।

महासचिव चुन्नुकांत ने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए विक्टिम कंपंसेशन स्कीम लागू की गई है। इसके तहत, पीड़ित महिलाओं को मानसिक और आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए न्यायालय के आदेश पर मुआवजा दिया जाता है।

 

महिला अधिकारों और गोद लेने के कानून पर चर्चा

कार्यशाला में अधिवक्ता एसके मित्रा ने गोद लेने के कानून पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किसे गोद लेने का अधिकार है और किन शर्तों पर गोद दिया जा सकता है। इसके अलावा, अधिवक्ता उर्मिला शर्मा, महीप मयंक और संजीव कुमार राय ने महिलाओं से जुड़े विभिन्न कानूनों पर जानकारी साझा की।

 

इस अवसर पर एसडीजेएम मीनाक्षी वर्मा, न्यायिक दंडाधिकारी साक्षी श्रीवास्तव, सुशीला हंसदा, सीमा कुमारी मिंज, निखत आयशा, स्मृति त्रिपाठी और बबीता मित्तल समेत कई अधिकारी और अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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