
चक्रधरपुर के बंदगांव में पारंपरिक उत्साह के साथ मना सरहुल
डीजे न्यूज, बंदगांव(चक्रधरपुर) : प्रखंड के लुम्बई मोड़ जुड़ीहासा में सरहुल पर्व को धूमधाम और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया। सरना धर्म सोतो समिति शाखा लुम्बई के तत्वावधान में इस महोत्सव के तहत पूजा-अर्चना, शोभायात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
पूजा-अर्चना और सामूहिक नृत्य का आयोजन
मंगलवार सुबह 9 बजे धर्म गुरु करम हेम्ब्रम द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद सुबह 9:30 बजे से सामूहिक नृत्य की शुरुआत हुई, जो देर रात तक जारी रहा। पारंपरिक परिधानों में सजे आदिवासी समाज के लोगों ने मांदर की थाप पर झूमते हुए अपनी संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन किया।
शोभायात्रा में उमड़ा जनसैलाब सरना धर्म सोतो समिति शाखा लुम्बई द्वारा सरहुल शोभायात्रा भी निकाली गई, जो लुम्बई से बंदगांव बाजार तक गई। इस शोभायात्रा में आदिवासी समुदाय के पुरुष और महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर शामिल हुए और सरहुल गीतों के साथ अपनी संस्कृति का प्रदर्शन किया।
सरहुल पर्व प्रकृति और संस्कृति का प्रतीक : बलराम हेम्ब्रम
समारोह को संबोधित करते हुए बलराम हेम्ब्रम ने कहा, “सरहुल पर्व हमारे प्रकृति प्रेम और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने का माध्यम है। प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब हमारा दायित्व है कि हम इसका संरक्षण करें। बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के दौर में हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए, जिससे हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहे।”
उन्होंने कहा कि सरहुल पर्व हमारी पूर्वजों की परंपरा है, जिसे उत्सव के रूप में मनाकर नई पीढ़ी को पर्यावरण और संस्कृति का महत्व समझाना जरूरी है।
अनेक गणमान्य लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर बेला मुंडरी, आश्रिता मुंडरी, गोमेया पाहन, करमु हेम्ब्रम, सोम हेम्ब्रम, नंदलाल हेम्ब्रम, बिरसा हेम्ब्रम सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।