
देश के 11 कलाकारों को मिला स्व. दिगम्बर प्रसाद स्मृति सम्मान
नाटकों का जीवंत मंचन ने समाज के कुरीतियों पर प्रहार
स्व. जेपी कुशवाहा 24 वां अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक एवं स्व. उमा रानी ताह स्मृति लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता का तीसरा दिन
डीजे न्यूज, गिरिडीह : कला संगम के तत्वावधान में स्व. जे पी कुशवाहा 24 वां अखिल भारतीय बहुभाषी नाटक एवं स्व. उमा रानी ताह स्मृति लोकनृत्य, शास्त्रीय नृत्य प्रतियोगिता के तीसरे दिन नाटक मंचन, शास्त्रीय नृत्य और लोक नृत्य की प्रस्तुति के बीच स्व. दिगम्बर प्रसाद स्मृति नाट्य श्री एवं कला श्री सम्मान देशभर के 11 कलाकारों को दिया गया। स्व. दिगम्बर प्रसाद स्मृति नाट्य श्री सम्मान से सम्मानित होने वालों में पटना के विनय सोनी, उड़ीसा के राज गोपाल पाढ़ी, उत्तर प्रदेश के सदाब खान, धनबाद के राजेंद्र प्रसाद, कोलकाता के तापस दास, बंगाल के योगराज चौधरी, मध्य प्रदेश के अभय दुबे, टाटा के श्याम कुमार एवं कला श्री सम्मान से सम्मानित होने वालो में त्रिपुरा के शिवानी गोस्वामी, गिरिडीह के राग यमन और मैथन की बरनाली पॉल शामिल हैं। सभी को शॉल ओढ़कर एवं शील्ड सम्मान पूर्वक देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही दिल्ली के सुरेन्द्र सागर और इस प्रतियोगिता के निर्णायक टाटा के मो. निजाम, शिवलाल सागर, त्रिपुरा के शिवानी गोस्वामी, बिहार के अशोक मानव, धनबाद के वशिष्ठ प्रसाद सिन्हा, सरसी चंद्र को रंगमंच के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए शॉल ओढ़कर और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।मौके पर संगीत प्रमुख ओरित चंद्रा, मीडिया प्रभारी बिनोद शर्मा, नाट्य प्रमुख नीतीश आनंद, नृत्य प्रभारी दिव्या सहाय, अजय शिवानी, तारकनाथ देव, प्रो. छोटू प्रसाद, बद्री दास, शीलधर प्रसाद, रवीश आनंद, शुभम, सुमित, आकाश, विकास, इंद्रजीत, सिद्धांत, सौरभ, नेहा सिन्हा, श्रुति चंद्रा, माला सिन्हा सहित सैकड़ों कला प्रेमी मौजूद थे। इसके पूर्व त्रिपुरा की नाट्य संस्था के शिवानी गोस्वामी ने कला संगम के सचिव को प्रतीक चिह्न और अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया।
कला संगम की स्मारिका ‘सर्जना’ का विमोचन
कला संगम की स्मारिका ‘सर्जना’ का विमोचन मुख्य अतिथि सदर अनुमंडल पदाधिकारी सह कला संगम के संरक्षक श्रीकांत यशवंत विसपुते, संरक्षक राजेंद्र बगड़िया, पूर्व मंत्री चंद्रमोहन प्रसाद, गांडेय के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा, संरक्षक सतविंदर सिंह सलूजा, अजय सिन्हा मंटू व डॉ विकास लाल, संयोजक चुन्नूकांत, प्रधान संपादक राकेश सिन्हा, कार्यकारी अध्यक्ष पंकज ताह, सचिव सतीश कुंदन, उपाध्यक्ष अंजनी कुमार सिन्हा, कृष्ण कुमार सिन्हा, राजीव सिन्हा, मुख्य सलाहकार विशाल आनंद, संपादक सुनील मंथन शर्मा, सह सचिव मदन मंजरवे, कोषाध्यक्ष विनय बख्शी, कार्यालय प्रभारी मनोज कुमार मुन्ना ने संयुक्त रूप से किया।
कला हमेशा सवाल खड़े करती : विसपुते
मुख्य अतिथि एसडीओ श्रीकांत यशवंत विसपुते ने कहा कि कला हमेशा सवाल खड़े करती है और उसके जवाब के लिए कला हमारे सामने आती है। उन्होंने कला संगम को इस आयोजन के लिए एवं देशभर के कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन के लिए बहुत शुभकामनाएं दीं।
पूर्व मंत्री एवं संरक्षक चंद्रमोहन प्रसाद ने कला संगम की स्थापना के बारे में बताया। गांडेय के पूर्व विधायक जयप्रकाश वर्मा ने कहा कि गिरिडीह में कला भवन बनना चाहिए। उसके लिए उनके स्तर पर प्रयास किए गए हैं। संरक्षक सतविंदर सिंह सलूजा ने कहा कि मोबाइल से बच्चे गलत रास्ते पर चलने लगे हैं। उन्हें कला से जोड़ने से अच्छे संस्कार दिए जा सकते हैं। स्मारिका के प्रधान संपादक ने कहा कि आने वाला समय आर्टिफीशियल इंटलीजेंस का है। इससे कला तो निखरेगी लेकिन रंगमंच प्रभावित होगा। इनके अलावा संरक्षक अजय सिन्हा मंटू, संयोजक चुन्नूकांत, मुख्य सलाहकार विशाल आनंद, संपादक सुनील मंथन शर्मा ने भी समारोह का मंच संचालन सचिव सतीश कुंदन, कार्यालय प्रभारी मनोज कुमार मुन्ना एवं नाट्य प्रमुख नीतीश आनंद ने किया।
नाटकों ने झकझोरा तो शास्त्रीय व लोक नृत्य ने मनमोहा
नाटकों की प्रस्तुति ने कभी मन को झकझोरा तो कभी मन को आनंदित किया। कलाकृति कला केंद्र, टाटा ने बगिया बांछाराम की, वर्षम कला मंच, पटना ने विवाह का विज्ञापन, यूथ थियेटर ग्रुप शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश ने आखिरी रंग, अंकुर नाट्य संघ, पश्चिम बंगाल ने भागीरथी, तात जमशेदपुर ने मित्र नाटक पेश कर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया। बीच-बीच में अनन्या दास, अनोखी कुमारी, कनक सिंह, जोइता कुमार, अवीनता महतो, हिया चटर्जी, गौरव सरकार, अतुल्य देव, संसिका गुप्ता, मान्या खंडेलवाल ने सेमी क्लासिकल, हिया चटर्जी, डिंपल शर्मा, गौरव सरकार, मधु कुमारी, साईं चंदन प्रधान ने शास्त्रीय नृत्य, दीपा पॉल, अनुज्ञा अत्री, सानिया साहू, नमिता महतो, सांगप्रिया सरकार, रोशनी चौहान, धन्या रौशन ने लोक नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। महाश्वेता कला केंद्र, पंचतत्व ने समूह लोक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों खूब मनोरंजन किया।