तकनीकी ज्ञान, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के समन्वय से बेहतर भविष्य का निर्माण संभव

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तकनीकी ज्ञान, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के समन्वय से बेहतर भविष्य का निर्माण संभव

डीजे न्यूज़ तिसरा(धनबाद):बीआईटी (बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से पास-आउट एवं वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में रह रहे पूर्व छात्र संजय शुक्ला ने रांची में आमंत्रित व्याख्यान दिया। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी एवं ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ।

अपने संबोधन में संजय शुक्ला ने कहा कि आज के विद्यार्थी केवल नौकरी पाने वाले नहीं, बल्कि स्थानीय और वैश्विक स्तर पर सतत विकास को दिशा देने वाले भविष्य के नेता हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ खुला संवाद करते हुए यह समझाया कि किस प्रकार तकनीकी ज्ञान, नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के समन्वय से एक बेहतर और टिकाऊ भविष्य का निर्माण किया जा सकता है।

उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय अनुभव, विशेषकर ऑस्ट्रेलिया में कार्य एवं जीवन के दौरान सीखे गए व्यावहारिक पहलुओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि विकसित देशों में किस तरह पर्यावरण संरक्षण, संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और दीर्घकालिक विकास योजनाओं पर विशेष जोर दिया जाता है, और भारत जैसे विकासशील देश इन अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकते हैं।

गेस्ट लेक्चर के दौरान विद्यार्थियों ने जलवायु परिवर्तन, हरित प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी, नवीकरणीय ऊर्जा तथा वैश्विक अवसरों को लेकर कई प्रश्न पूछे, जिनका संजय शुक्ला ने सरल और प्रेरक उदाहरणों के माध्यम से उत्तर दिया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल डिग्री तक सीमित न रहें, बल्कि वैश्विक सोच और स्थानीय क्रियान्वयन के सिद्धांत को अपनाएँ।

कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों और शिक्षकों ने संजय शुक्ला के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे व्याख्यान न केवल शैक्षणिक ज्ञान बढ़ाते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, दृष्टि और दिशा भी प्रदान करते हैं। यह गेस्ट लेक्चर रांची के विद्यार्थियों के लिए निश्चित रूप से एक यादगार और प्रेरणास्रोत अनुभव रहा।

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