संविधान दिवस पर बाल संसद की अगुवाई में गूंजा प्रस्तावना पाठ

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संविधान दिवस पर बाल संसद की अगुवाई में गूंजा प्रस्तावना पाठ

राजकीय मध्य विद्यालय हुसैनाबाद पलामू में प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूकता का संकल्प

डीजे न्यूज, पलामू : संविधान दिवस के 76वें अवसर पर बुधवार को राजकीय मध्य विद्यालय हुसैनाबाद परिसर में आयोजित विशेष प्रार्थना सत्र में बाल संसद की अगुवाई में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया गया। इस दौरान देशभक्ति और लोकतांत्रिक भावना से पूरा विद्यालय प्रांगण गूंज उठा। शिक्षक राजेश कुमार गुप्ता ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि भारत में प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1949 में भारतीय संविधान बनकर तैयार हुआ था। उन्होंने संविधान को सरकार चलाने का महत्वपूर्ण लिखित दस्तावेज बताया, जिसके आधार पर देश का शासन संचालित होता है। उन्होंने संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संविधान सभा का गठन 9 दिसंबर 1946 को हुआ था, जिसके अस्थायी अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा थे। 11 दिसंबर 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्थायी अध्यक्ष चुने गए तथा प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। 26 नवंबर 1949 को संविधान पर हस्ताक्षर कर इसे अंतिम रूप से स्वीकार किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व प्रधानाध्यापक और प्रखंड के डी.डी.ओ. रहे रामेश्वर मेहता ने कहा कि संपूर्ण संविधान 26 जनवरी 1950 को इसलिए लागू किया गया क्योंकि 26 जनवरी 1930 को लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि संविधान ने सभी नागरिकों को समान अधिकार दिए हैं तथा कानून की सीमा में रहते हुए स्वतंत्रता प्रदान की है, जिससे समानता पर आधारित समाज की नींव मजबूत हुई है। विद्यालय की शिक्षिका सुषमा पांडेय ने संविधान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर रोशनी डालते हुए बताया कि संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियां हैं। उन्होंने संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों में हुए संशोधनों के बारे में भी छात्रों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 44वें संशोधन (1978) के बाद संपत्ति के अधिकार को हटाया गया और वर्तमान में छह मौलिक अधिकार हैं। जबकि मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 है, जिन्हें 42वें संशोधन (1976) के तहत जोड़ा गया।

उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी बताया कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है तथा इसमें विभिन्न देशों की संवैधानिक व्यवस्थाओं से महत्वपूर्ण प्रावधान लिए गए हैं — जैसे संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से, गणतांत्रिक व्यवस्था फ्रांस से, संघीय ढांचा कनाडा से, सर्वोच्च न्यायालय तथा उपराष्ट्रपति पद अमेरिका से, आपातकाल की अवधारणा जर्मनी से, नीति निदेशक तत्व आयरलैंड व स्पेन से तथा समवर्ती सूची ऑस्ट्रेलिया से। कार्यक्रम के अंतर्गत विभागीय निर्देशानुसार निबंध प्रतियोगिता, ड्रॉइंग प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कर छात्रों में जागरूकता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति रुचि बढ़ाने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक राजेश कुमार गुप्ता, सुषमा पांडेय, आशा कुमारी, रश्मि प्रकाश, कंप्यूटर शिक्षक प्रमोद मेहता का सराहनीय योगदान रहा। मौके पर बीआरसी कर्मी विनोद प्रसाद भी उपस्थित थे।

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