शिक्षक सेवा शर्त नियमावली 2022 पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने जताया एतराज
डीजेन्यूज डेस्क, गिरिडीह : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार द्वारा प्लस ़2 शिक्षक सेवा शर्त नियमावली 2012 के कई प्रावधानों में संशोधन किया है। संशोधित नियमावली के तहत पीजीटी शिक्षक भर्ती में माध्यमिक शिक्षकों के आरक्षित 50 प्रतिशत सीट को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। यह माध्यमिक शिक्षकों के हित में नहीं है। यह मानना है झारखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ, गिरिडीह का।
इस बाबत संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति बयान जारी कर कहा है कि रिक्त पद को सीधी भर्ती से नहीं भरकर उच्च विद्यालय के शिक्षकों को उस पद पर प्रोन्नति दिया जाय। नए-नए संशोधित नियमावली से माध्यमिक शिक्षकों को नुकसान होगा। पूर्व में पद रिक्त रह जाने का मुख्य कारण लम्बे समय से झारखंड के उच्च विद्यालय में शिक्षकों की बहाली का न होना है। वर्तमान में झारखंड में लगभग 15000 माध्यमिक शिक्षक कार्यरत हैं। टीजीटी शिक्षकों द्वारा पीजीटी पद पर योगदान नहीं देने के पीछे वेतन सरंक्षण संबंधी सरकार द्वारा स्पष्ट उल्लेख का नहीं किया जाना था जिस कारण 2017 एवं 2018 में उच्च विद्यालय के टीजीटी शिक्षक जो पीजीटी पद पर योगदान दिए उनका वेतन बढ़ने के बजाय घट गया । वहीं उपप्राचार्य के पद को नई नियमावली में समाप्त कर दिया गया है। उच्च विद्यालय के सहायक शिक्षकों को भी 12 वर्ष की सेवा पूरा करने पर वरीय वेतनमान के रूप में एक वेतनवृद्धि देने का प्रावधान किया जाय। झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ नई नियमावली में संशोधन पर आपत्ति जतायी है। और पूर्व की तरह प्रावधान को लागू करने की मांग की है। मांग करने वालों में जिलाध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह, राजेंद्र प्रसाद, जिला सचिव, घनश्याम गोस्वामी, बिनोद यादव, प्रियंका माथुर, रूपा कुमारी, मीरा रजक, रविकांत चौधरी, सुदीप कुमार, उमाशंकर राम, दीपक सिंह, विजय कुमार दास, नोशाद शमा, भुवनेश्वर वर्मा, परवेज शीतल, शम्भू गुप्ता, रंजीत वर्मा, मिथिलेश मिश्रा, अभिषेक सिंह सहित झारखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ, गिरिडीह के कई सदस्य शामिल हैं।