


संजय गोराई, मुखिया आमटाल पंचायत
झरिया–बलियापुर सड़क : भड़के जनप्रतिनिधि, बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग कंपनी को घेरा
दुर्गा पूजा से पहले सड़क दुरुस्त करने की उठी मांग
डीजे न्यूज, तिसरा(धनबाद) : झरिया–बलियापुर मुख्य सड़क की समस्या को लेकर देवभूमि न्यूज़ झारखंड की ओर से लगातार मामला उठाए जाने के बाद अब क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सड़क की दुर्दशा के लिए बीसीसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया है और चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो जनता सड़क पर उतरने को मजबूर होगी।
आमटाल पंचायत के मुखिया संजय गोराई ने कहा कि एक माह से अधिक बीत गया, लेकिन प्रबंधन और प्रशासन केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। सड़क की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बीसीसीएल प्रबंधन की है, उनकी गलती से यह समस्या उत्पन्न हुई।

मुकुंदा पंचायत की मुखिया रिंकू देवी ने आउटसोर्सिंग प्रबंधन को दोषी ठहराते हुए कहा कि हैवी ब्लास्टिंग के कारण सड़क धंस गई है। महिलाओं को रोजाना परेशानी झेलनी पड़ती है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

हिरालाल मोदक, पंचायत समिति सदस्य मकुन्दा
पंचायत समिति सदस्य हिरालाल मोदक ने कहा कि 44 करोड़ की लागत से बनी सड़क महज एक साल में ही खराब हो जाना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने मांग की कि दोषियों पर कार्रवाई हो और दुर्गा पूजा से पहले सड़क का निर्माण कराया जाए।

मनोज कुमार सिंह, मुखिया प्रतिनिधि चादं कुंइया पंचायत
चांदकुइया पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मनोज कुमार सिंह ने स्थिति को बेहद दयनीय बताया और कहा कि बीसीसीएल प्रबंधन को जवाबदेह बनना होगा।

शांति देवी, मुखिया अलकडीहा पंचायत
अलकडीहा पंचायत की मुखिया शांति देवी ने भी गलत खनन को वजह बताया और दोषियों पर डीजीएमएस से कार्रवाई कमांग की।
    
रूपा देवी, वार्ड नंबर 46 के निवर्तमान पार्षद
वार्ड 46 की पार्षद रूपा देवी ने कहा कि पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने 44 करोड़ की लागत से इस सड़क का निर्माण कराया था, लेकिन आउटसोर्सिंग प्रबंधन की हैवी ब्लास्टिंग ने सड़क धसा दी। अब बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग प्रबंधन को इसका जवाब देना ही होगा।

भोला साहनी, लोदना एरिया सचिव बिहार जनता खान मजदूर संघ
बिहार जनता खान मजदूर संघ, लोदना क्षेत्र के सचिव भोला साहनी ने कहा कि प्रतिदिन हजारों लोग इस मार्ग से गुजरते हैं। आउटसोर्सिंग कंपनियों की लापरवाही से यह स्थिति बनी है। अगर शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो जनता आंदोलन को मजबूर होगी।
