
हूल दिवस पर भाजपाइयों ने किया सिद्धो-कान्हू को नमन
डीजे न्यूज, धनबाद:
भारतीय जनता पार्टी धनबाद महानगर के तत्वावधान में अंग्रेजी हुकूमत और जमींदारी प्रथा के खिलाफ पहले आदिवासी जनविद्रोह के प्रतीक हुल दिवस के अवसर पर सोमवार को हीरापुर डी. एस कॉलोनी मोड़ फूलों- झानों चौक एवं बरमसिया पुल,सिद्धों- कांहू चौक पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर हूल दिवस मनाया गया।
पार्टी विकसित भारत का अमृत काल, सेवा सुशासन, गरीब कल्याण, संकल्प से सिद्धि तक मोदी सरकार के 11 गौरवशाली वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बीते 5 जून से विश्व पर्यावरण दिवस से 30 जून हूल दिवस तक लगातार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उसी के निमित्त पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत हूल दिवस मनाया गया एवं संथाल विद्रोह के अमर बलिदानों को याद किया गया।
श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में धनबाद विधायक राज सिन्हा, महानगर अध्यक्ष श्रवण राय, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चंद्रशेखर सिंह, सत्येंद्र कुमार, रमेश राही, संजीव अग्रवाल, कार्यक्रम के प्रभारी जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र हांसदा, मानस प्रसून, जिला उपाध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी, जिला मंत्री सह मीडिया संयोजक पंकज सिन्हा, अभिमन्यु कुमार, नरेंद्र त्रिवेदी, मंडल अध्यक्षों, पार्टी कार्यकर्ता आदि शामिल थे।
इस अवसर पर विधायक राज ने कहा कि सिद्धों- कान्हू ने ब्रिटिश हुकूमत एवं महाजनी प्रथा के खिलाफ 30 जून 1855 को हुल क्रांति का आगाज किया था। इसमें फूलों -झानो ने भी अहम भूमिका निभाई थी। हम सभी उनके त्याग और बलिदान को सदैव याद रखेंगे। हूल दिवस हमें याद दिलाता है कि आजादी की पहली लड़ाई सिर्फ दिल्ली या कोलकाता जैसे बड़े शहरों में नहीं बल्कि भोगनाडीह जैसे छोटे आदिवासी गांव में भी लड़ी गई थी।
महानगर अध्यक्ष श्रवण ने कहा कि आज से 170 साल पहले हमारे देश पर राज कर रहे अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाने की ताकत जब किसी में नहीं थी उस दौर में झारखंड के संथाल की धरती के इन नायकों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूँका था।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सत्येंद्र कुमार एवं चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध उनका संघर्ष एवं गौरव गाथाएं भावी पीढ़ियों को अन्याय के विरुद्ध संघर्ष तथा मातृभूमि की सेवा हेतु सदैव प्रेरित करती रहेगी।
प्रदेश कार्य समिति सदस्य संजीव अग्रवाल एवं रमेश राही ने कहा कि चुन्नू मुर्मू और सुन्नी हाँसदा के घर जन्मे सिद्धू कान्हू इनके दो छोटे भाई चांद भैरव और बहन फूलों झानो की हिम्मत और शौर्य ने संथाल आदिवासियों को अंग्रेजों के खिलाफ उस दौर में एकजुट किया था
जब लड़ाई के लिए उनके पास सिर्फ तीर- धनुष जैसे पारंपरिक हथियार ही थे।
मौके पर मंडल अध्यक्ष राजाराम दत्ता,मनोज मालाकार, भाजपा एस टी मोर्चा के महामन्त्री परेश मुर्मू, विजय हाँसदा, बच्चा गिरी, अमित मुर्मू, किशोर मंडल, टीपू हाँसदा, संजय कुशवाहा, बिनोद हाँसदा, निर्मल प्रधान, दुर्गा टुडू, मौसम सिंह, सिकंदर हाँसदा, रूमकी गुप्ता, पनकेश्वर मुर्मू, शिल्पी घोष, राजू हाँसदा, आनंद कामदेव, चंदन बास्की, अखिलेश झा, शनिचर बेसरा, टिंकू साव, बबलू मुर्मू, रविलाल बास्की, बिनोद हाँसदा, राजू मालाकार सहित सैंकड़ो भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।