
520 के इर्द-गिर्द होगा झारखंड नीट का कट-ऑफ
गोल धनबाद केंद्र के निदेशक संजय आनंद का विश्लेषण
डीजे न्यूज, धनबाद : नीट (मेडिकल) की परीक्षा पिछले रविवार को हो चुकी है। इस परीक्षा में पूरे भारतवर्ष से लगभग 23 लाख छात्र शामिल हुए। परीक्षा के बाद ज्यादातर प्रतियोगियों के चेहरे पर मायूसी दिखी। इसका कारण था, प्रश्न पेपर का कठिन स्तर और प्रश्न पूछे जाने या प्रश्न सेट करने का तरीका। नीट प्रतियोगी आगे क्या और कैसे निर्णय लें, उनके करियर के हित में उक्त विषय का विश्लेषण बता रहें है गोल धनबाद के केंद्र निदेशक संजय आनंद
नीट प्रतियोगी हर परिस्थिति में अपने आप को संतुलित रखें एवं परेशान ना हो, माता-पिता अभिभावक भी घबराएं नहीं वरन बच्चे को सहयोग करें।
बेशक फिजिक्स से मेडिकल परीक्षा में अब तक का सबसे कठिन प्रश्न पूछा गया, बायो-पेपर से भी स्टेटमेंट बेस्ट एवं एशरसन रीजन ज्यादा रहें, तीन प्रश्नों को एनसीईआरटी के बाहर से बताया जा रहा, जहां बॉटनी से लगभग 58 प्रश्न और 32 प्रश्न जूलॉजी से थे। बॉटनी से कॉलम मैचिंग 11 एवं स्टेटमेन्ट बेस्ट 21 प्रश्न पुछे गये वहीं 11 वीं से 40 प्रश्न एवं 12 वीं से 50 प्रश्न पुछे गये। रसायन भी आसान व संतुलित नहीं लेकिन सामान्य था। बायो एवं रसायन के प्रैक्टिकल भाग से भी प्रश्न थे।
फिजिक्स के कुछ प्रश्न ऐसे कि ऊपर से नीचे पढ़ते-पढ़ते कुछ छात्र ऊपर वाला पैराग्राफ भूल जा रहे थे। कुछ प्रश्न जेई मेन के स्तर से ऊपर स्तर के थे। विगत 5 वर्षों के जेई मेन पेपर से ही 11 प्रश्न पूछे गये। जबकि जेई मेन में 75 प्रश्नों के लिए 3 घंटे यानी फिजिक्स के 25 प्रश्नों के लिए एक घंटा जबकि नीट में 180 प्रश्नों के लिए 3 घंटे यानी की 45 प्रश्नों के लिए एक घंटा। जबकि केविड के बाद से छात्र लगातार, अगर 2016 को छोड़ दें, तो आसान प्रश्न बनाने के अभ्यस्थ हो गए थे। सच ये भी है कि छात्रों पर तनाव व दवाव कम हो इसके लिए 98 चैप्टर को घटाकर 78 चैप्टर किया गया।
बावजूद इसके उचित मार्गदर्शन में तैयारी करने वाले प्रतियोगी जानते व समझते हैं, कि किसी भी हालात में किस विषय से समय बचाकर समय का सदुपयोग कैसे करना है। बहरहाल छात्रों को ये भी समझना होगा, कि आप दूसरे प्रतियोगी से अलग क्यों हो जाएं। आप आत्मविश्वास के साथ कट ऑफ को पार करने या रैंकर बनने के लिए अनिवार्य वो हर जरूरी कार्यों को सावधानियों के साथ फाइनल टच कैसे दें।
प्रश्न टफ या आसान से परेशान न हों, क्योंकि प्रश्न टफ तो कट ऑफ कम और प्रश्न आसान तो कट ऑफ अधिक होगा। इस बार राष्ट्रीय स्तर पर 550+ एवं झारखण्ड में 520 के इर्द-गिर्द कट ऑफ की संभावना है। छात्र ये समझें कि लगभग 55 हजार सरकारी सीटों की संख्या और इस बार भी सारी सीटें फुल होगी ।
कुछ छात्र फिजिक्स के प्रश्नों से परेशान होकर तुक्का मार गए कि इस बार तो होने से रहा और ज्यादा निगेटिव मर्किंग हो गयी। जबकि हर हाल में कॉम्टीशन की बारीकियों को समझते हुए धैर्य एवं मजबूत मानसिकता का परिचय देते हुए बनने वाले हर प्रश्नों को ही बनाना था।
ऑनलाइन तैयारी करने वाले छात्रों की ऑफलाइन में प्रश्नों का बहुत ज्यादा प्रैक्टिस ना होने के कारण तनाव दवाव के साथ ही एक्यूरेसी में भी ज्यादा कमी देखी गई जबकि अच्छे प्रैक्टिशनर ही अच्छे रैंकर या टॉपर होते हैं।
छात्र खासकर बायो, इनआर्गेनिक एवं आर्गेनिक में एनसीआरटी से बाहर न जाएं। आपके संस्थान के शिक्षक एवं प्रश्न सेटर एवं प्रश्न फॉर्मेटर एनसीआरटी के लाइन के गहराइयों एवं रहस्यों को समझाने के लिए विशेषज्ञता हासिल करते हुए अपडेट एवं अपग्रेड हैं।
छात्रों के भविष्य की उज्जवल कामना करते हुए संजय आनन्द ने बताया कि इस बार भी गोल के छात्र बड़ी संख्या में सफल होने जा रहें हैं। छात्र काउंसलिंग से जुड़ी जानकारी गोल विशेषज्ञ से लें सकते हैं।