



यूट्यूबर्स की अव्यवहारिक हरकतों का एकजुट होकर करें मुकाबला

गिरिडीह जिला पीडीएस डीलरों की बैठक में आह्वान
डीजे न्यूज, गिरिडीह : ऑल इंडिया फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन की जिला स्तरीय बैठक सोमवार को संगम गार्डन में संपन्न हुई, जिसमें जिले भर से बड़ी संख्या में पीडीएस डीलर शामिल हुए। बैठक में एनएफएसए बकाया कमीशन, ग्रीन चावल कमीशन, दाल और नमक का लंबित कमीशन तथा हाल के दिनों में कुछ यूट्यूबर्स द्वारा अनाज कटौती के नाम पर पीडीएस डीलरों को अनावश्यक रूप से परेशान करने के मामलों पर गंभीर चर्चा हुई। उपस्थित सभी डीलरों ने स्पष्ट कहा कि ऐसे अव्यवहारिक व्यवहार और उत्पीड़न का एकजुट होकर जवाब देना होगा।
बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष राजेश बंसल ने की, जबकि राज कुमार चरणपहाड़ी, उपाध्यक्ष अजय पाण्डेय, राजेश वर्मा, विद्याभूषण सिंह, नरेन्द्र सिंह, अमित कुमार, संभालन कर्ता लालमणी साहु सहित कई नेताओं ने डीलरों को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि यूट्यूबर्स द्वारा बार-बार बिना प्रमाण और बिना समझ के कटौती का आरोप लगाना, वीडियो बनाकर डीलरों को बदनाम करना और भयादोहन करना न सिर्फ गलत है, बल्कि अमानवीय एवं गैरकानूनी भी है।
बैठक में वक्ताओं ने जोर देकर कहा
डीलर सरकार की गाइडलाइन एवं विभागीय अधिकारियों की देखरेख में हर माह ऑनलाइन पारदर्शी व्यवस्था के तहत अनाज वितरण करते हैं।
प्रत्येक पीडीएस दुकान में प्रतिष्ठित लोगों की निगरानी समिति बनी है, जो जांच व निरीक्षण करती है।
इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से की जा रही एकतरफा बदनामी और मानसिक उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वक्ताओं ने कहा कि
“डीलर भी समाज का हिस्सा हैं। अधिकांश डीलर गरीब परिवारों से आते हैं और रोज़गार के अभाव में राशन दुकान संचालित करते हैं। उन्हें दोषी मानकर जनता के बीच अपमानित करना कहीं से न्यायसंगत नहीं है।”
बैठक में डीलरों की वास्तविक परेशानियों पर भी प्रकाश डाला गया—
▪️ 14–15 महीनों से एनएफएसए मद का कमीशन बकाया
▪️ चना दाल और नमक का कमीशन आज तक नहीं मिला
▪️ गोदाम से 50 किलो बोरी में कम वजन मिलना सभी को मालूम
▪️ अनलोडिंग और कांटा कराने का खर्च हर महीने डीलरों पर भारी
नेताओं ने कहा कि देश की सबसे सफल जनकल्याणकारी योजना — खाद्य सुरक्षा योजना — का संचालन पीडीएस डीलर करते हैं, ऐसे में समाज को उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए और सोशल मीडिया ट्रायल को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
बैठक के बाद जिला आपूर्ति पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें उपरोक्त समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की गई।
नेताओं ने स्पष्ट संदेश दिया कि न्यायसंगत मुद्दों पर डीलरों के साथ एकजुटता और संघर्ष दोनों जारी रहेंगे।

