
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के खिलाफ गिरिडीह समेत राज्यभर में सरकारी कर्मियों व शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
झारखंड की तरह पूरे देश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बुलंद की आवाज
यूपीएस में टेंशन ही टेंशन, सबसे बढ़िया पुरानी पेंशन, हेमंत ने दिया है ओपीएस का सम्मान, इसको छेड़ा तो, निकलेगा फिर से तीर कमान
डीजे न्यूज, रांची : झारखंड के सरकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) के खिलाफ राज्यभर में जोरदार प्रदर्शन किया। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की राष्ट्रीय कमेटी के आह्वान पर सभी सरकारी कार्यालयों और विद्यालयों में कर्मचारियों ने यूपीएस के विरोध में तख्तियां लेकर नारेबाजी की और केंद्र सरकार तक अपनी आवाज बुलंद की। कर्मचारियों ने स्पष्ट कहा कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का कोई विकल्प नहीं हो सकता। झारखंड की तरह पूरे देश में इसे लागू किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि केंद्र सरकार नई-नई पेंशन योजनाओं से कर्मचारियों को केवल भ्रमित करने की कोशिश कर रही है।
गिरिडीह जिले के स्कूलों एवं सरकारी कार्यालयोंं मेंं भी कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया।
इधर झारोटेफ जमुआ प्रखंड इकाई ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय कन्या जमुआ के प्रांगण में विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया। उन्होंने कहा पूरे देश में सरकारी कर्मियों द्वारा लगातार एनपीएस यूपीएस का विरोध किया जा रहा है। झारखंड की तरह पूरे देश में ओपीएस लागू हो। साथ ही साथ स्लोगन भी पढ़ा गया। यूपीएस में टेंशन ही टेंशन,सबसे बढ़िया पुरानी पेंशन। हेमंत ने दिया है ओपीएस का सम्मान, इसको छेड़ा तो, निकलेगा फिर से तीर कमान। ना नीली बत्ती ना लाल फीता ओपीएस से कोई नहीं जीता। इस तरह की भावी योजना से सतर्क रहने की भी बात कही। इस विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से जिला संयुक्त सचिव आनंद शंकर, राजेश कुमार शर्मा, महावीर पासवान, सुशील कुमार गुप्ता, विजय कुमार सिंह, दयानंद कुमार राय, द्वारिका रजक, बालेश्वर माथा, प्रमोद कुमार आदि उपस्थित थे।
वहीं +2 उच्च विद्यालय बेंगाबाद में यूपीएस-एनपीएस का विरोध करते हुए झारोटेफ के प्रांतीय उपाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद, संगठन सचिव धनबाद जोन इम्तेयाज अहमद, प्रखण्ड सचिव राज नारायण वर्मा ने कहा कि पूरे देश में झारखंड की तरह ओपीएस लागू करना होगा। इधर प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा, “राज्य के कुछ उच्च पदस्थ अधिकारी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी UPS लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। यह न केवल मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की कर्मचारी हितैषी छवि को धूमिल करने की साजिश है, बल्कि सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालने का भी प्रयास है। ऐसी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।”
प्रांतीय महासचिव उज्ज्वल कुमार तिवारी ने यूपीएस को पूंजीपतियों के हित में बनाई गई योजना बताते हुए कहा कि इसमें न तो कर्मचारी हित है, न राज्य हित। उन्होंने बताया कि इस योजना में सरकार का योगदान कर्मचारी के बेसिक व महंगाई भत्ते के योग का 14% से बढ़ाकर 18.5% कर दिया गया है, जिससे यह पैसा सीधे शेयर बाजार में लगाया जाएगा।
जोनल संगठन सचिव इम्तेयाज अहमद ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में OPS लागू कर सभी कर्मचारियों को राहत दी है, लेकिन देश के अन्य राज्यों में अब भी NPS लागू है जो पूरी तरह शेयर बाजार पर आधारित है और इसमें कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। प्रांतीय मुख्य मीडिया प्रभारी सुमित कुमार नंद ने बताया कि UPS के विरोध में यह आंदोलन सिर्फ झारखंड में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चलाया जा रहा है, ताकि OPS को राष्ट्रीय स्तर पर लागू कराया जा सके।