विशेष समिति को सौंपा ज्ञापन, बेतरतीब उत्खनन, पर्यावरण प्रदूषण संबंधी समस्याओं के निदान की मांग

Advertisements

विशेष समिति को सौंपा ज्ञापन,

बेतरतीब उत्खनन, पर्यावरण प्रदूषण संबंधी समस्याओं के निदान की मांग
डीजे न्यूज, धनबाद: झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने विधानसभा की विशेष समिति को ज्ञापन देकर बेतरतीब उत्खनन, पर्यावरण प्रदूषण संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया है। पत्र कें कहा है कि झरिया कोलफील्ड क्षेत्र में खुली खदानों से बेतरतीब उत्खनन, वायु, जल एवं मि‌ट्टी के सरंक्षण के पर्यावरणीय नियर्मा का उल्लंघन, ओवरवर्डन (ओबी) के अनियंत्रित डम्पिंग की समस्या एवं अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के अभाव के कारण स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है। इस क्षेत्र के रैयती को विश्वास में लिए बगैर जमीनों पर जबरन कब्जा, अनियंत्रित विस्फोट से घरों को हो रहे नुकसान से जीवन पर संकट, पर्यावरण प्रदूषण से मानसिक तनाव, फेफड़ों, हृदय और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से समस्त कोलफील्ड वासी ग्रसित हो रहे हैं। जिससे यहाँ सदा तनाव पूर्ण माहौल बना रहता है और कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। विगत एक माह में कोलफील्ड में 3 बड़ी घटनाओं में हुए हताहतों की संख्या और उससे निपटने के तरीकों ने डीजीएमएस
एवं बीसीसीएल की सुरक्षा संबंधी मानकों की कलई खोल दी है।

आम नागरिकों जिसमें रैयत एवं गैर-रैयत, बीसीसीएल कमी सभी इस क्षेत्र में निम्न स्तरीय नागरिक सुविधाओं जिनमें पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य के अभाव में जीवन यापन कर रहे है। उन्होंने मांगों और सुझाव पर त्वरित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।

मांगें व सुझाव

खुली खदानों से किए जा रहे अनियंत्रित और बेतरतीब उत्खनन पर तत्काल रोक सगाई आए। कोयला ढुलाई के लिए उपयोग किए जाने वाले वाहनों की फिट्नस जांच तथा सर्विस रोड का उपयोग एवं तिरपाल से ढककर ही ढुलाई की व्यवस्था की जाए ऐसा नहीं होने पर जिम्मेदार व्यक्तियों पर प्रदूषण नियंत्रण कानूनों के तहत मुकदमा किया जाए।

नए खनन क्षेत्रों एवं ओबी डंपिंग से पहले अंचलाधिकारी द्वारा जमीन की जांच अनिवार्य रूप से करने के पश्चात ही खनन एवं ओबी डंपिंग की अनुमति दी जाए।
जिन खुली खदानों से उत्खनन संबंधी कार्य पूर्ण हो चुका है अथवा लंबे समय से उत्खनन नहीं हो रहा है, उन्हें ओबी (ओवरबर्डन) से भरकर बंद एवं समतल किया जाए, जिससे खतरनाक अग्नि प्रभावित क्षेत्र में बसे नागरिकों को तत्काल उसी क्षेत्र में सुरक्षित आवास की आवास की व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।

झरिया कोलफील्ड में विगत कई वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों जैसे झरिया, करकेंद, केंदुआ आदि क्षेत्रों में मालगुजारी नहीं जा रही है और उन्हें शून्य खाता अथवा गैर आबाद खाता में दर्ज कर दिया गया है जिससे निबंधन की प्रक्रिया बंद हो गई है. इससे ना सिर्फ राज्य की राजस्व की हानि हो रही है अपितु इससे भविष्य में बगैर कागजातों के खरीद बिक्री से नया संकट बड़ा हो सकता है। धनबाद, झरिया, बाधमारा, निरसा समेत समस्त अंचलों का पुनः सर्वे कर गैर आबाद से आबाद में उचित बंदोबस्त किया जाए, ताकि जमीनों की स्पष्ट पहचान एवं लेन-देन संभव हो सके।

कोयना क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के समय सिर्फ 1150 कोलियरी मालिकों एवं अन्य की ही जमीनों का अधिग्रहण हुआ था, उसमें भी सभी को मुआवजा नहीं मिला था। जिन रैयतों ने जमीन अधिग्रहण के समय किसी भी प्रकार का अग्रीमेंट अथवा मुआवजा नहीं लिया था इसकी गहन जांच कर वर्तमान दर के अनुसार उचित मुआवजा लार एक्ट के हिसाब से दिया जाए।

कोलफील्ड में 30000 अधिक मुकदमे भारत कॉकिंग कोन लिमिटेड के रैयतों के साथ चल रहे हैं, इसके लिए सेवानिवृत न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग की नियुक्ति से इन के निपटान में आसानी होगी और रैयतों को न्याय मिल सकेगा।

झरिया मास्टर प्लान को क्षेत्र के निवासियों की अपेक्षाओं के अनुरूप संशोधित कर इसे लागू किया जाए।

Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
Scroll to Top